मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि एक दौर था जब बिहार के सदर अस्पताल में मरीज नहीं आते थे. बेड पर कुत्ते सोया करते थे, लेकिन आज स्थिति बदल चुकी है. सीएम ने कहा, ‘2005 में सत्ता संभालते ही राज्य के हॉस्पिटल की परिस्थिति में सुधार लाया. मरीजों को मुफ्त में दवाई देने की व्यवस्था की गई. आज हर महीने 1500 से अधिक मरीज स्वास्थ्य केंद्रों पर आने लगे हैं.’ 
सोमवार को पटना में स्वास्थ्य विभाग के 784 करोड़ रुपये की कुल 301 योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन कार्यक्रम में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि एक जमाने में सदर हॉस्पीटल में मरीज नहीं जाते थे. अस्पताल के बेड पर कुत्ते सोते थे. बिहारशरीफ के सदर हॉस्पिटल में मैने खुद देखी थी.
सीएम नीतीश ने कहा कि राज्य में डॉक्टरों की संख्या बढ़ाई जाएगी. बिहार सरकार ने तकनीकी सेवा में बिना लिखित परीक्षा के बहाली करने का निर्णय लिया है. सिर्फ सर्टिफिकेट जांच कर नौकरी दी जाएगी. इसका सर्वाधिक फायदा डॉक्टरों और इंजीनियरों को मिलेगा. उन्होंने बताया कि तकनीकी कर्मचारी चयन आयोग का गठन किया गया है.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले समय में पीएमसीएच पांच हजार बेड का विश्वस्तरीय अस्पताल होगा. सीएम ने कहा कि तीन फेज में इसका विस्तार किया जाएगा. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि एनएमसीएच, आईजीएमएस को 2500 बेड का अस्पताल बनाया जाएगा. साथ ही उन्होंने बताया कि आने वाले समय में बिहार में मेडिकल कॉलेज की संख्या बढ़कर 23 हो जाएगी. इस दौरान उन्होंने नेपहा वायरस के बारे में लोगों को जागरूकता फैलाने की बात कही.
वहीं, कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि एक समय था जब बिहार में कोई नर्स ट्रेनिंग कॉलेज नहीं था. स्वास्थ्य सेवा की स्थिति बहुत ही खराब थी. आज बिहार में सात आई बैंक का शिलान्यास हुआ है. आगे चलकर कोई भी आंख दान कर सकता है
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