कोहिमाः इस महीने की 27 तारीख को नागालैंड में होने वाले विधानसभा चुनाव से करीब दो सप्ताह पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री नेइफियू रियो निर्विरोध चुनाव जीत गए हैं. उन्होंने उत्तरी अंगामी-2 सीट से विजयी घोषित किया गया है. भाजपा के सहयोगी रियो के खिलाफ मैदान में उतरे नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के उम्मीदवार के नाम वापस लेने के बाद उन्हें विजयी घोषित किया गया. रियो पिछले माह एनपीएफ छोड़कर नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) में शामिल हो गए थे. हाल ही में एनडीपीपी का गठन किया गया है.नागालैंड चुनावः मतदान से दो सप्ताह पहले ही ये पूर्व सीएम बन गए विधायक

नागालैंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अभिजीत सिन्हा ने कहा कि एनपीएफ उम्मीदवार ने अपना नामांकन वापस ले लिया. इस कारण एनडीपीपी के दूसरे उम्मीदवार को विजेता घोषित कर दिया गया. उत्तरी अंगामी-2 सीट से रियो के खिलाफ एनपीएफ के चुपफुवो अंगामी ही एक मात्र उम्मीदवार थे. वह रिश्ते में रियो के साले लगते हैं. यह पहली बार नहीं है जब रियो बिना चुनाव लड़े नागालैंड विधानसभा में पुहंचे हैं. इससे पहले 1998 में वह कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में निर्विरोध निर्वाचित हुए थे. उस वक्त अन्य दलों ने चुनाव का बहिष्कार किया था. रियो वर्तमान में नागालैंड से संसद के सदस्य हैं. राज्य में नागालैंड एक मात्र संसदीय सीट है. वर्ष 2014 में वह एनपीएफ के उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव जीते थे.

अगर उनकी पार्टी नागालैंड विधानसभा चुनाव जीतती है और वह नागालैंड में एमएलए बना रहना चाहते हैं तो उनको संसद की सीट छोड़नी पड़ेगी. दरअसल भाजपा के समर्थक रियो को राज्य में अगले सीएम के रूप में देखा जा रहा है. वह वर्ष 2003 से 2014 के बीच 11 सालों तक तीन बार नागालैंड के सीएम रह चुके हैं. लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्होंने सीएम की कुर्सी टीआर जेलियांग को दे दी थी. एनपीएफ के भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ने के फैसले के बाद रियो ने पार्टी छोड़ दिया. इस पार्टी के वह सह संस्थापक थे. नागालैंड में 27 फरवरी को मतदान होगा. तीन मार्च को मतगणना होगी. उसी दिन त्रिपुरा और मेघालय की मतगणना होगी.