महाराष्ट्र की राजनीतिक लड़ाई अभी भी थमी नहीं है. सोमवार को सर्वोच्च अदालत में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना की तरफ से दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की मांग की गई थी. हालांकि, अदालत की तरफ से अब मंगलवार को फैसला सुनाया जाएगा. सोमवार को अदालत में तीखी बहस हुई और बीजेपी-एनसीपी की ओर से पेश वकीलों ने फ्लोर टेस्ट में जल्दबाजी ना करने को कहा गया. वहीं पहली बार ये बात भी सामने आई है कि राज्यपाल की ओर से बहुमत साबित करने के लिए 14 दिन का समय दिया गया था. इससे पहले राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी कि फ्लोर टेस्ट 30 नवंबर को होना है.

देवेंद्र फडणवीस की ओर से पक्ष रख रहे मुकुल रोहतगी ने अदालत से अपील की है कि फ्लोर टेस्ट के लिए विधानसभा की प्रक्रिया का पालन होना चाहिए. उन्होंने मांग की है कि पहले प्रोटेम स्पीकर चुना जाए, फिर विधायकों की शपथ, उसके बाद स्पीकर का चुनाव, राज्यपाल का अभिभाषण और अंत में फ्लोर टेस्ट होना चाहिए.
इसी के साथ मुकुल रोहतगी ने अदालत को ये भी बताया कि राज्यपाल की ओर से देवेंद्र फडणवीस को बहुमत साबित करने के लिए 14 दिन का समय दिया गया था. बता दें कि अभी तक ये चर्चा चल रही थी कि 30 नवंबर को फ्लोर टेस्ट हो सकता है लेकिन अब ये बात पहली बार सामने आई थी.
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal