कोरोना संक्रमण के बीच दिवाली के साथ ही कड़ाके की ठंड भी दस्तक देगी। मौसम विभाग द्वारा जारी आकड़ों के अनुसार उत्तर भारत के तमाम शहरों में पारा तेजी से नीचे जाने लगा है। दिल्ली का तापमान भी 14 डिग्री पर पहुंच गया है। मध्य प्रदेश के 10 शहरों में पारा अभी से 10 डिग्री पर पहुंच गया है। इसी के साथ वायु प्रदूषण की मार के साथ अब उत्तर भारत के कई इलाकों को अब शीतलहरी ठिठुराएगी।
आईएमडी के मुताबिक आने वाले दिनों में बारिश के आसार हैं, उत्तर प्रदेश के पश्चिमांचल इलाकों समेत कानपुर, लखनऊ में खासी ठंडक महसूस होने लगी है। यहां पारा सामान्य से चार डिग्री तक कम हो सकता है। कमोवेश यही हालात चडीगढ़, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात के कुछ हिस्सों का है। मौसम विभाग का कहना है कि यहां पारा लगातार नीचे जाएगा। सबसे अधिक प्रभावित मध्य प्रदेश होगा यहां तापमान सामान्य से 5 डिग्री तक नीचे जा सकता है, यानी दीपावली के बाद समूचा उत्तर भारत शीत लहर से दो-चार होगा।
जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद और हिमाचल प्रदेश में काफी व्यापक वर्षा की संभावना है। 15-16 नवंबर को उत्तराखंड में पश्चिमोत्तर भारत के मैदानी इलाकों उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के कुछ इलाकों में और 15 नवंबर, 2020 को मध्य भारत से सटे इलाकों में छिटपुट वर्षा होगी। इसकी वजह है एक ताजा कमजोर पश्चिमी विक्षोभ और निचले स्तर में पूर्वी इलाकों के साथ सक्रिय है।
इसके चलते 14-15 नवंबर, 2020 को जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद में अलग-थलग पारे में भारी गिरावट की भी संभावना है। अगले 2-3 दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस और मध्य भारत में 2-4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है । अगले 4-5 दिनों के दौरान देश के बाकी हिस्सों में न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं।
देश के बाकी हिस्सों के मौसम की बात करें तो श्रीलंका तट पर चक्रवाती परिसंचरण से उत्तरी तमिलनाडु तट से दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक निचले स्तर पर अगले 4-5 दिनों के दौरान तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराइकल, तटीय आंध्र प्रदेश, केरल और लक्षद्वीप क्षेत्र में आंधी और बिजली गिरने की संभावना के साथ काफी व्यापक बारिश की संभावना है। इसके अलावा अगले पांच दिनों के दौरान तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराइकल में और 12, 15 और 16 नवंबर, 2020 को तटीय आंध्र प्रदेश में छिटपुट भारी बारिश की भी संभावना है।
एनसीआर में 15-16 को बारिश की संभावना
दिल्ली-एनसीआर में इस वर्ष दिवाली पर पटाखे नहीं जलने के कारण पिछले चार साल के मुकाबले पीएम 2.5 का स्तर कम रह सकता है। हालांकि, इसके बाद भी प्रदूषण का स्तर बहुत खराब श्रेणी में बने रहने की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण रविवार को हल्की बारिश की संभावना है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु मानक संस्था सफर के अनुसार, राजधानी में जीरो पटाखे नीति और हवा की चाल की वजह से प्रदूषण पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। पीएम 2.5 तत्व बहुत सूक्ष्म तत्व होते हैं और हृदय व फेफड़ों संबंधी बीमारी के साथ कई बार मौत का कारण भी बनते हैं। सफर के अनुसार, आगामी दो दिनों के भीतर पराली का धुआं दिल्ली के लिए परेशानी बढ़ा सकता है। यदि और पराली जलाई गई तो 15 नवंबर तक पीएम 2.5 में इजाफा हो सकता है। वर्तमान में हवा का उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर रुख होने के कारण आगामी तीन दिनों तक प्रदूषण रहने की संभावना है। इसके बाद हवा की चाल में बदलाव होने से प्रदूषण के तत्व छंट सकते हैं।
सफर के अनुसार, दिवाली की रात राजधानी में प्रदूषण का स्तर खतरनाक या बहुत खराब श्रेणी में रह सकता है। 15 और 16 नवंबर को हवा का रुख पूर्व दिशा की ओर होने की वजह से बारिश की संभावना भी बनी हुई है। 16 नवंबर को पश्चिमी विक्षोभ के आसार बन रहे हैं। इन कारणों की वजह से प्रदूषण कम हो सकता है।
पांच नवंबर को दिल्ली सरकार ने सात से लेकर 30 नवंबर तक पटाखों की बिक्री व इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। गत सोमवार से राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने भी दिल्ली-एनसीआर में 30 नवंबर तक पटाखों की बिक्री व इस्तेमाल पर रोक लगा रखी है।
मौसम विभाग के अनुसार, दिवाली के बाद राजधानी में प्रदूषण कम हो सकता है। इसका प्रमुख कारण पश्चिमी विक्षोभ का सक्रिय होने के साथ हवा की रफ्तार में वृद्धि को बताया जा रहा है। मौसम विभाग के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ को देखते हुए दिवाली के अगले दिन यानी रविवार को हल्की बारिश की संभावना है। दिवाली के बाद हवा की रफ्तार में वृद्धि होने की वजह से दिल्ली- एनसीआर के प्रदूषण में सुधार हो सकता है।
मौसम विभाग के पर्यावरण अनुसंधान केंद्र के प्रमुख वीके सोनी के अनुसार, हवाओं की धीमी गति और पटाखों की वजह से दिवाली की रात प्रदूषण का स्तर खतरनाक श्रेणी में पहुंच सकता है। इसके बाद पूर्वी-दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के रुख होने के साथ-साथ रफ्तार बढ़ने की वजह से 16 नवंबर से सुधार होने की भी संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ की वजह से जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड समेत उत्तरी मैदानी इलाकों में 15 और 16 नवंबर को बारिश की संभावना है। अगले कुछ दिनों में उत्तर पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की वृद्धि संभावना है। इसके बाद पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के बाद तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी।