दिल्ली: सीएम रेखा ने कहा- निजी स्कूलों में मनमानी फीस वृद्धि रोकने के लिए बनेगा नया कानून

शनिवार को अभिभावकों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई और नया कानून लाने का आश्वासन दिया।

निजी स्कूलों में मनमानी फीस वृद्धि रोकने के लिए दिल्ली सरकार नकेल कसने की तैयारी में है। शनिवार को अभिभावकों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई और नया कानून लाने का आश्वासन दिया।

श्रीजन पैरेंट एसोसिएशन के पदाधिकारी नितिन गुप्ता ने बताया कि स्कूलों में मनमानी फीस वृद्धि के मुद्दे पर मुख्यमंत्री के समक्ष अभिभावकों ने अपनी बातों को रखा। इसमें स्कूल की ओर से अवैध रूप से फीस वृद्धि, अभिभावकों पर भुगतान के लिए जबरदस्ती का दबाव, किताबें, वर्दी, लेखन सामग्री की अनिवार्य खरीदारी, डिजिटल भुगतान पर पाबंदी, फीस के नाम पर छात्रों को मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने सहित अन्य मुद्दों को उठाया गया।

मुख्यमंत्री ने बातों को धैर्य से सुना और गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने आश्वासन दिया कि फीस वृद्धि की मनमानी को रोकने के लिए नया कानून लाया जाएगा। शिक्षा निदेशालय के नियमों का उल्लंघन करने कड़ी कार्रवाई होगी। अभिभावकों के अधिकारों की पूरी रक्षा और मामले की तत्काल जांच की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने न केवल हमारी समस्याओं को गंभीरता से सुना, बल्कि सकारात्मक कार्रवाई का भरोसा दिया। इस बैठक से अभिभावकों को विश्वास है कि न्याय अवश्य मिलेगा और आवाज अनसुनी नहीं रहेगी। सभी अभिभावकों से आग्रह है कि बच्चों के लिए एक न्यायपूर्ण, पारदर्शी और तनावमुक्त शैक्षणिक माहौल सुनिश्चित करने में सहयोग करें।

20 फीसदी तक बढ़ोतरी का आरोप
बता दें कि नए शैक्षणिक सत्र में दिल्ली के निजी स्कूलों पर 20 फीसदी तक फीस बढ़ोतरी का आरोप है। स्कूलों ने ट्यूशन फीस के अलावा वार्षिक शुल्क और विकास शुल्क में भी बढ़ोतरी की है। इससे अभिभावकों की जेब पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है। रोजाना दिल्ली में किसी न किसी स्कूल द्वारा फीस बढ़ोतरी करने की सूचनाएं सामने आ रही है।

फीस बढ़ाने वाले निजी स्कूलों के खातों का होगा ऑडिट
दिल्ली में निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए शिक्षा निदेशालय ने सख्त कदम उठाया है। निदेशालय के अनुसार अवैध फीस वृद्धि के बारे में विभाग को शिकायतें मिल रही है। इस संबंध में विभाग न सतर्कता बढ़ा दी है। फीस बढ़ाने वाले स्कूल का निरीक्षण जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय टीम करेगी। जिससे अभिभावकों की शिकायत की जांच की जा सकें।

डीएसईएआर 1973 के प्रावधानों के अनुसार गैर-अनुपालन करने वाले संस्थानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत निजी स्कूल की मान्यता को निलंबित करना/वापस लेना/रद्द करना और दोषी संस्थानों का प्रबंधन अपने हाथ में लेने की कार्यवाही शामिल है। निजी स्कूलों के खातों का विशेषीकृत ऑडिट वरिष्ठ लेखा पदाधिकारियों सहित नामित टीमों द्वारा किया जाएगा।

न्यायालयों में फीस वृद्धि से संबंधित मामलों के संबंध में शीघ्र सुनवाई के प्रयास किए जा रहे है। विभाग का पक्ष अत्यंत तत्परता से रखा जाएगा। विभाग अनुचित फीस वृद्धि को रोकने और शिक्षा क्षेत्र में किसी भी प्रकार की मुनाफाखोरी या व्यावसायीकरण को रोकने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध और सशक्त है।

विभाग किसी भी परिस्थिति में छात्रों के शैक्षणिक भविष्य को खतरे में डालने वाली किसी भी कार्रवाई की अनुमति नहीं देगा। जो निजी स्कूल अवैध रूप से और मनमाने ढंग से अचानक फीस बढ़ा रहे हैं उन पर कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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