दिल्ली सरकार ने राज्य हस्तशिल्प पुरस्कार योजना में 12 साल बाद बड़े सुधार किए हैं। उद्योग मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने शनिवार को कारीगरों के लिए पुरस्कार राशि तीन गुना करने और अधिक कारीगरों को इसमें शामिल करने के लिए कई नई श्रेणियां जोड़ने की घोषणा की।
उद्योग मंत्री ने कहा कि यह सुधार कारीगरों के असली योगदान को सामने लाएगा। दिल्ली सरकार ने पुरस्कार राशि तीन गुना की है और नई श्रेणियों को जोड़ा है ताकि ज्यादा कारीगर, खासकर महिलाएं, युवा और दिव्यांग इसमें भाग लें और सम्मानित हों। पुरस्कार संरचना को 2013-14 के बाद पहली बार बदला गया है।
नई रूपरेखा के तहत राज्य शिल्पकार पुरस्कार की राशि 30,000 रुपये से बढ़ाकर 1,00,000 रुपये की गई है। राज्य दक्षता पुरस्कार की राशि 20,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये की गई है। पुरस्कारों की संख्या भी बढ़ाई गई है। अब 6 राज्य शिल्पकार पुरस्कार (एक विशेष रूप से महिलाओं के लिए) और 18 राज्य दक्षता पुरस्कार दिए जाएंगे।
सबको मिलेगा अवसर और बढ़ेगा नवाचार
मंत्री ने बताया कि यह पहला अवसर है जब सभी को साथ लेकर चलने और नवाचार को बढ़ाने की सरकार की ओर से कोशिश हो रही है। सरकार ने महिलाओं और दिव्यांग कारीगरों के लिए विशेष पुरस्कार शुरू किए हैं। इसके अलावा स्टार्टअप, युवा कारीगरों और डिजाइन नवाचार के लिए नई श्रेणियां जोड़ी गई हैं ताकि नई पीढ़ी प्रेरित हो।
रखे पुरस्कारों के प्रभावशाली नाम
पुरस्कारों के नाम भी राष्ट्रीय पहचान के अनुरूप बदले गए हैं। राज्य शिल्पकार पुरस्कार, राज्य दक्षता पुरस्कार भारतीय पहचान व सांस्कृतिक गर्व के प्रतीक बनेंगे। पहले पुरस्कार राशि कारीगरी के मानकों के अनुरूप नहीं थी।
अब राशि बढ़ने से पुरस्कारों का महत्व बढ़ेगा और नई पीढ़ी के कारीगर नवाचार के लिए प्रेरित होंगे जिससे दिल्ली की समृद्ध हस्तकला विरासत को बढ़ावा मिलेगा। सिरसा ने दिल्लीवासियों से अपील की है कि त्योहारों के सीजन में वे स्वदेशी उत्पादों (हैंडलूम और हस्तशिल्प) की खरीदारी करें।