पुलिस के मुताबिक करीब 2000 लोगों से करोड़ों की ठगी के मामले में अर्थ इंफ्राटेक के निदेशकों के खिलाफ ईओडब्ल्यू में 5, बाराखंभा थाने में 4, वसंतकुंज में एक व गुरुग्राम में भी ठगी व धोखाधड़ी के 12 से ज्यादा मामले दर्ज हैं।

उक्त मामले में ईओडब्ल्यू तीन निदेशक अतुल गुप्ता, अवधेश गोयल व रजनीश मित्तल को गिरफ्तार कर चुकी है। तीनों तिहाड़ जेल में बंद हैं। इन्हें हाई रिस्क मुल्जिम की श्रेणी में रखा गया है। इसके अलावा पुलिस कंपनी के कुछ सेल्समैन बुशरा आलम व निशांत अरोड़ा को भी गिरफ्तार कर चुकी है।

बुशरा दरियागंज व निशांत साकेत का रहने वाला है। एमडी के साथ ठगी की साजिश में इन दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका थी। निदेशक विकास गुप्ता को कोर्ट ने भगोड़ा करार दे दिया है। दिल्ली पुलिस ने बहुत मुश्किल से 20 मार्च को विकास को रक्सौल के राम गढ़वा स्थित एक होटल से गिरफ्तार किया था।

गिरफ्तार करते ही होटल से गिरफ्तारी की सूचना स्थानीय पुलिस को दे दी गई। जिससे कुछ ही देर में थानाध्यक्ष होटल पहुंच गए। उन्होंने दिल्ली पुलिस से कहा कि विकास को गिरफ्तार करने से पहले उन्हें सूचना क्यों नहीं दी गई? स्थानीय पुलिस मुल्जिम व दिल्ली पुलिस को लेकर थाने आ गई।

वहां डीडी इंट्री करा दी गई। डीडी इंट्री करने पर कानूनन मुल्जिम को स्थानीय कोर्ट में पेश करना होता है। पेशी से पहले विकास को मेडिकल के लिए जब सरकारी अस्पताल में ले जाया गया तो वहां तैनात डॉक्टरों को विकास के आने की पूर्व सूचना मिल चुकी थी।

डॉक्टरों ने विकास के रक्त के नमूने लेकर रक्तचाप व मधुमेह आदि कई बीमारी बता दी। विकास को कोर्ट में पेश करने पर मजिस्ट्रेट ने डॉक्टरी रिपोर्ट व उसके खिलाफ दर्ज सभी मामले की प्रति मांग ली। उसके बाद विकास को ट्रांजिट जमानत दे दी गई, जबकि दिल्ली पुलिस उसे लेकर दिल्ली आना चाह रही थी।