दिल्ली विधानसभा चुनाव की सियासी जंग फतह करने के लिए बीजेपी के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) ने भी कमर कस ली है. केजरीवाल के बिजली-पानी फ्री मुद्दे का सामना बीजेपी राष्ट्रवाद के एजेंडे से करने की रणनीति बनाई है.
बीजेपी के लिए दिल्ली चुनाव में सियासी जमीन तैयार करने का जिम्मा आरएसएस ने उठाया है. संघ ने राष्ट्रवाद के मुद्दे को लेकर घर-घर जाएगी और हर विधानसभा क्षेत्र में 400 बैठकें करने का लक्ष्य रखा है.
सूत्रों की मानें तो आरएसएस ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी के जीत की इबारत लिखने की कवायद शुरू कर दी है. संघ के कार्यकर्ता राष्ट्रवाद और राष्ट्रीय मुद्दे को लेकर प्रचार करेंगे. संघ के कार्यकर्ता घर-घर जाकर सीएए-एनआरसी, जामिया हिंसा, राम मंदिर और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर चर्चा कर दिल्ली में बीजेपी के लिए सियासी जमीन तैयार करेंगे.
संघ ने दिल्ली के युवा मतदाताओं तक पहुंचने की रणनीति बनाई है. आरएसएस कार्यकर्ता युवा समूहों के साथ बैठक करेंगे, इस दौरान उनके साथ मोदी सरकार द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन कानून और धारा 370 के हटाने के फैसले के साथ-साथ अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मार्ग को आसान करने की बात रखेंगे.
दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर आरएसएस ने 400 बैठकें करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए संघ ने अपने 20-20 कार्यकर्ताओं के समूह बनाकर बैठक करेंगे. इसके तहत वो हर एक विधानसभा क्षेत्र में घर-घर जाकर मोदी सरकार की उपलब्धियां को बताने का काम करेंगे. इतना ही नहीं दिल्ली में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद के विकास एजेंडे को भी रखेंगे.
सीएए पर जामिया में हुए प्रोटेस्ट को लेकर संघ ने दिल्ली में युवाओं को देश भक्ति का पाठ पाढ़एगी. संघ कार्यकर्ता दिल्ली में घर-घर जाकर सीएए के समर्थन में जनजागरण अभियान चला रहे हैं. चुनाव को देखते हुए पार्कों और कॉलोनियों में भी संघ कार्यकर्ता राष्ट्रवाद के मुद्दे को बीजेपी सरकार कैसे उठा रही है, इस बात से भी लोगों को परिचित कराएंगे.