दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पिछले दो महीने से ज्यादा दिनों से चल रहे विरोध-प्रदर्शन अब एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। इसे लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच लगातार बयानबाजी भी हो रही है। इसी बीच पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने दावा किया है कि प्रदर्शनकारियों को विदेशों से फंडिंग की जा रही है। घोष के इस बयान ने विवाद पैदा कर दिया है।
दिलीप घोष ने शनिवार को कहा था कि दिल्ली के शाहीन बाग और कोलकाता के पार्क सर्कस में अशिक्षित महिला एवं पुरुष प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्हें विदेशी फंड से खरीदी गई बिरयानी परोसी जाती है और पैसे दिए जाते हैं।
घोष ने यहां पार्टी की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि गरीब एवं अशिक्षित महिला और पुरुष सड़कों पर धरना देने के लिए बैठे हुए हैं । उन्हें बिरयानी खिलाई जा रही है जो विदेशों से आए पैसे से खरीदी जा रही है। भाजपा सांसद ने कहा कि चाहे वह दिल्ली का शाहीन बाग हो या कोलकाता का पार्क सर्कस, हर जगह एक ही स्थिति है। बृंदा करात और पी चिदंबरम जैसे लोग इस भीड़ में शामिल होते हैं । कुछ अशिक्षित महिलाएं अपने गोद में बच्चों को लेकर बैठी हैं। वे लोग केवल उनके श्रोता हैं।
घोष के बयान पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस एवं विपक्षी माकपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य मोहम्मद सलीम ने कहा कि जमीनी हकीकत के बारे में जिसे पता नहीं हो वह इन महिलाओं के बारे में ऐसी टिप्पणी नहीं कर सकता है। तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि ऐसी टिप्पणियों से भगवा पार्टी की मानसिकता झलकती है।