नई दिल्ली : केरल का त्रावणकोर देवस्वोम मंदिर एक नया इतिहास रचने जा रहा है। बता दें कि त्रावणकोर देवस्वोम मंदिर नियुक्ति बोर्ड ने सदियों पुराने जातिगत बंधन को तोड़कर एक बड़ा फैसला लिया है। बोर्ड ने दलित समुदाय से 6 लोगों को मंदिर का पुजारी नियुक्त किया है।
आपको बता दें कि बोर्ड ने पहले भी गैर-ब्राह्मणों को पुजारी बनाया है। मगर ऐसा पहली बार है जब मंदिर में पुजारी के तौर पर दलितों का चयन किया गया हो। बोर्ड द्वारा जारी सूची में गैर-ब्राह्मण समुदाय के 36 लोगों के नाम शामिल हैं। 5 अक्टूबर को लिस्ट फायनल की गई है। जिसमें 62 पुजारियों के नाम हैं, जिनमें से 36 गैर-ब्राह्मण हैं। बता दें कि मंदिर में इन पुजारियों का चयन भी लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के आधार पर हुआ।
इस बार सूची में ब्राह्मण समुदाय के 26 पुजारियों का नाम शामिल है। ऑल इंडिया ब्राह्मण फेडरेशन के अक्कीरमन कालिदासन भट्टाथिरीपद ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, ‘हम मंदिरों में गैर-ब्राह्मणों को पुजारी बनाए जाने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन एक ऐसा सिस्टम होना चाहिए जो यह सुनिश्चित करे कि जिनका चयन हो रहा है, उन्हें तांत्रिक मंत्रों की जानकारी है। नियुक्तियां आरक्षण के नियमों का पालन करने के लिए नहीं होनी चाहिए। यह पूरी तरह से ज्ञान और मंदिरों के विश्वास पर होनी चाहिए।”