नोटबंदी पर बदले स्वर में बयान देने पर नीतीश कुमार ने बिहार में एक अलग ही भूचाल ला दिया है. इसे 2019 लोकसभा चुनाव के समीकरणों से जोड़ा जा रहा है. इस बयान के बाद उन पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को हमला किया और कहा कि मुख्यमंत्री ने नोटबंदी का समर्थन किया था, लेकिन वही अब उस पर सवाल उठा रहे हैं और जल्द ही वह नोटबंदी को भारत का सबसे बड़ा घोटाला करार देंगे. बता दें कि नीतीश कुमार ने बहुचर्चित नोटबंदी के कदम से आम जनता को कोई फायदा न होने को लेकर सवाल उठाया था और बैंकों पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि उन्होंने कथित रूप से अमीर व्यक्तियों की उनके पैसे बदलने में मदद की.
बिहार के सीएम नीतीश कुमार के बयान के एक दिन बाद तेजस्वी का बयान सामने आया है. केंद्र सरकार ने 8 नवंबर 2016 को अचानक रात 8 बजे 500 और 1000 के नोटों को प्रतिबंधित कर दिया था. इस दौरान लोगों को कैश के लिए बैंक की कतार में खड़े होना पड़ा. बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा, ‘हमारे प्यारे नीतीश चाचा ने एक और यू-टर्न ले लिया है. ‘ उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘उन्होंने (नीतीश कुमार) नोटबंदी का समर्थन किया था लेकिन अब वह सवाल उठा रहे हैं. वह मुद्दे, आम लोगों की मुश्किलों और मांगों को समझने में हमेशा वर्षों पीछे रहे हैं. चौंकिएगा मत, अगर वह नोटबंदी को भारत का सबसे बड़ा घोटाला करार दे दें.’
नीतीश कुमार ने शनिवार को नोटबंदी के फायदों पर सवाल उठाकर न केवल अपने सहयोगी बीजेपी नेताओं को चौंका दिया बल्कि अपनी पार्टी के नेताओं को भी हैरत में डाल दिया. बिहार के मुख्यमंत्री ने बैंक अधिकारियों के साथ यहां एक बैठक में कहा था, ‘मैं नोटबंदी का समर्थक रहा हूं.. लेकिन कितने लोगों को इसका फायदा मिला? कुछ शक्तिशाली लोगों ने अपना पैसा एक स्थान से दूसरे स्थान पर कर लिया. बयान के बाद बीजेपी की चिंता बढ़ गई है.