उन्होंने कहा कि कानून पूरी तरह से आदर्श नहीं है लेकिन आदर्श की राह देखते हुए अच्छे काम को खत्म नहीं कर सकते। उन्होंने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए और कहा कि यह कुछ एक जैसी मानसिकता वाले लोगों की संस्था है और यह पूरे मुस्लिम समाज की राय को प्रदर्शित नहीं करता।
मंत्री ने कहा कि इस्लाम खतरे में है, यह नारा आजादी से पहले देश को बांटने के लिए लगाया जाता था। आज भी यही कहकर समाज में जहर फैलाया जा रहा है जबकि कोई भी सच्चा मुस्लिम यह नहीं मानेगा कि इस्लाम खतरे में है। हकीकत यह है कि तीन तलाक के खिलाफ कानून से मुस्लिम पुरुषों की जबरदस्ती खतरे में है।