युवाओं में जज्बा और विश्वास हो तो कोई भी लक्ष्य मुश्किल नहीं होता है। बस जरूरत होती है कि आप लक्ष्य को पाने के लिए राह कौन-सी चुनते हैं।
कठिनाइयां हर व्यक्ति के जीवन में आती हैं,पर उस दौरान मन विचलित नहीं होना चाहिए। तभी लक्ष्य प्राप्त हो जाता है।
शहर में कंट्रोल रूम के सामने जलेबी का ठेला लगाने वाले दिनेश दाहिया ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि उनका बेटा 16 वर्षीय राकेश पिता के साथ शहर का भी नाम रोशन करेगा। हॉकी को पहला प्यार मानने वाले दिनेश का सपना उनके बेटे राकेश ने पूरा किया है।
राकेश अभी हॉकी इंडिया दिल्ली में देश भर से चुने गए 22 खिलाड़ियों के साथ ट्रेनिंग ले रहा है। मंदसौर में प्रदेश की हॉकी अकादमी में 3 साल पहले अशोक ध्यानचंद ने राकेश की प्रतिभा को पहचाना था। उसका चयन इंफाल में हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए हुआ था।
पिछले साल हॉकी इंडिया ने अच्छे खिलाड़ी तैयार करने के लिए देश भर के 22 बच्चे चुने थे, उसमें मंदसौर के राकेश का नाम भी शामिल था। अभी वह नई दिल्ली में ट्रेनिंग ले रहा है। राकेश पढ़ाई में भी अच्छा है वह पिछले साल 10वीं की बोर्ड परीक्षा में भी प्रथम श्रेणी में पास हुआ है। राकेश का भी यही कहना है कि लक्ष्य रखकर ही मेहनत की जाए तो सफलता मिलती ही है।