राजस्थान मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के रुख पर कई सवाल खड़े किए हैं. सिंघवी ने टेप कांड की सीबीआई जांच की मांग और केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से रिपोर्ट तलब किए जाने पर सवालिया निशान लगाया है.
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने एक ट्वीट में लिखा, हॉर्स ट्रेडिंग (विधायकों की खरीद-फरोख्त) और सरकार गिराने के गंभीर आरोप लगे हैं. इसमें राजस्थान के विधायकों के साथ केंद्रीय मंत्री भी शामिल बताए जा रहे हैं.
पुलिस की जांच चल रही है और एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी है. इसमें रुकावट डालने के लिए बीजेपी ने अपनी सुविधा के अनुसार सीबीआई जांच की मांग की है. केंद्रीय गृह मंत्रालय भी सामने आ गया है. क्या मामले में क्लीनचिट देने के लिए जांच सीबीआई को दी जाएगी?
बता दें, शनिवार रात फोन टैपिंग मामले में तब एक नया मोड़ आ गया, जब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इससे जुड़ी रिपोर्ट तलब की. मंत्रालय ने राजस्थान के मुख्य सचिव से टैपिंग की रिपोर्ट मांगी है.
सूत्रों के हवाले से कहा गया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राजस्थान में फोन टैपिंग कांड को काफी गंभीरता से लिया है और इसकी विस्तृत जांच की बात कही जा रही है. दूसरी ओर बीजेपी ने भी इस पर सख्त ऐतराज जताया है और इसे निजता का उल्लंघन बताया है.
एक तरफ राजस्थान सरकार ने फोन टैपिंग मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है तो दूसरी ओर बीजेपी ने कांग्रेस सरकार को घेरना शुरू किया है.
राजस्थान सरकार की ओर से बनाई गई एसओजी ने टैपिंग मामले में कुछ लोगों की गिरफ्तारी की है. इन आरोपियों के वॉयस सैंपल लिए जाने हैं ताकि लीक हुए ऑडियो टेप से आवाज के नमूनों का मिलान किया जा सके. हालांकि आरोपियों ने सैंपल देने से इनकार कर दिया है.
राजस्थान सरकार ने टेप कांड की जांच के लिए जिस एसआईटी का गठन किया है, उसके मुखिया सीआईडी के एसपी विकास शर्मा होंगे. इस टीम में एसीबी, एसओजी और एटीएस के एसपी स्तर के अधिकारी होंगे.
एसआईटी एसओजी, एसीबी और एटीएस के अधिकारियों को मिलाकर बनाई गई है. दूसरी ओर बीजेपी ने इस मामले को निजता का उल्लंघन बताते हुए कांग्रेस सरकार पर ठीकरा फोड़ा है और अविलंब सीबीआई जांच की मांग की है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने शनिवार को सीबीआई जांच की मांग की थी.