दरअसल यह बात बीसीसीआई ने तब कहा, जब सोशल मीडिया पर पोलियो पीड़ित व्यक्ति की सेवाओं का उपयोग करने को लेकर आलोचनाएं और ई-मेल होने लगी। इसके बाद बीसीसीाई ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने सभी स्टेजींग एसोसिएशनों को एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि बॉल-बॉय के रूप में ऐसे व्यक्ति का उपयोग ना करें।
24 साल के धर्मवीर ने कहा, ‘क्रिकेट मेरे जीने का कारण है। मुझे बचपन से क्रिकेट का शौक है। उन्होंने कहा कि एक पैर से दिव्यांग होने के बावजूद भी क्रिकेट को लेकर मेरा जज्बा कम नहीं हुआ है। धर्मवीर मध्य प्रदेश में हैंडिकैप्ड टीम का कैप्टन हैं।’
बता दें कि दिव्यांग धर्मवीर पाल टीम इंडिया के एक से एक दिग्गज खिलाड़ियों के साथ मिल चुके हैं। फेयरवेल टेस्ट मैच के दौरान साल 2013 में धर्मवीर ने टीम इंडिया के पूर्व महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर से मिले थे। उस दौरान सचिन ने धर्मवीर से कहा, ‘आप जैसे सपोर्टरों की वजह से हमलोग खेलते हैं। आप ऐसे ही टीम इंडिया को सपोर्ट करते रहें। भारतीय क्रिकेट को आप जैसे लोगों की आवश्यकता है।’
धर्मवीर को लेकर युवराज ने भी कहा था, ‘पोलियो से ग्रसीत इस युवा के पास क्रिकेट के प्रति जबरदस्त जुनून है। इसलिए हमें इसकी मदद करनी चाहिए।’ उन्होंने कहा कि वह हमेशा हमलोगों की मैच देखने के लिए आता है। बता दें कि धर्मवीर मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के रहने वाले हैं। क्रिकेट के प्रति इनकी जबरदस्त आकर्षण है। इसी कारण टीम का पूरा सदस्य दोनों पैरों से दिव्यांग धर्मवीर की मदद करने से पीछे नहीं हटता है।
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