अगर आप रिलायंस जियो सिम यूजर्स हैं, तो आपको इसके प्लान की वजह से काफी फायदा हुआ होगा, लेकिन इंडियन टेलीकॉम कंपनियों के लिए ये फादयेमंद साबित नहीं हुआ। हाल ही में Jefferies की एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि इंडिया में जियो के आने के बाद टेलीकॉम कंपनी के रेवेन्यू में सालाना 11.7 फीसदी की गिरावट आई है।
बुधवार को जारी वैश्विक निवेश बैकिंग कंपनी जेफरीज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि रिलायंस जियो ने लॉन्च के बाद बहुत सारे कस्टमर्स को जोड़ा है।
31 मार्च तक 7.2 करोड़ नए ग्राहकों के प्राइम मेंबरशिप लेने की वजह से टेलीकॉम के सालाना रेवेन्यू में करीब 11.7 प्रतिशत गिरावट आई है, तिमाही आधार पर ये घाटा करीब 8.5 फीसदी है। रिपोर्ट में ये भी सामने आया कि जियो ने लॉन्च के बाद से 2016-17 की चौथी तिमाही के अंत तक अपने ग्राहकों के आधार में 10.8 करोड़ से ज्यादा की बढ़ोतरी जारी रखी है और इसके एक्टिव यूजर्स करीब आठ करोड़ हैं।
कुछ समय पहले ट्राई ने भी एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें कहा था कि जियो द्वारा जोड़े गए यूजर्स अभी तक किसी भी टेलीकॉम कंपनी से ज्यादा हैं और ये एक रिकॉर्ड है।
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रिपोर्ट के अनुसार, जेफरीज की रिपोर्ट में सामने आया कि रिलायंस जियो टेलीकॉम मार्केट के 50 प्रतिशत से भी अधिक शेयर लेना चाहती है और इससे कंपनी की मार्केट पर कब्जा करने की पॉलिसी सामने आती है। कंपनी बाजार पर कंट्रोल करने के लिए कम कीमत के प्लान पॉलिसी का यूज कर रही है। जेफरीज की रिपोर्ट में कहा गया कि रिलायंस जियो के की वजह से अधिकतम रेवेन्यू महानगरों और ए सर्किल्स में आया, जहां बड़ी संख्या में रिलायंस यूजर्स हैं। भारत में कुल 4G स्मार्टफोन का आधार 131 करोड़ का है, जिसमें से जियो ने 86 फीसदी डिवाइसेस में अपनी पहुंच बनाई है यानी कुल एक्टिव यूजर्स में से 61 फीसदी जियो यूजर्स हैं।