पंचोली के वकील प्रशांत पाटिल ने कहा, ‘‘ सूरज ने खुद को निर्दोष बताया और गवाहों परीक्षण 14 फरवरी से शुरू होगा.’’ आरोप पत्र के मुताबिक जिया खान तीन जून 2013 को अपने घर पर फांसी पर लटकी मिली थी. वह दो दिन से सूरज के घर पर ही रह रही थी और उसी दिन सुबह अपने घर लौटी थी.

सीबीआई के मुताबिक पूछताछ के दौरान सूरज ने तथ्य छिपाए और मनगढ़ंत जानकारी दी. सूरज ने पॉलीग्राफी या ब्रेन मैपिंग टेस्ट करवाने से भी इनकार कर दिया जबकि घटना में सूरज की कथित भूमिका को लेकर तह तक जाने के लिए एजेंसी ये जांच करवाना चाहती थी.

सीबीआई ने कहा कि मुंबई पुलिस को मिला तीन पन्नों का पत्र जिया ने लिखा था जिसमें उन्होंने कथित तौर पर सूरज से ‘‘ करीबी संबंध, शारीरिक दुर्व्यवहार और मानसिक तथा शारीरिक उत्पीड़न’’ के बारे में लिखा था जिसकी वजह से उसे आत्महत्या करनी पड़ रही है. अक्तूबर 2013 में जिया की मां राबिया खान ने बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और कहा था कि उनकी बेटी की हत्या हुई है और इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए. जिसके बाद सीबीआई जांच की इजाजत दे दी गई थी.