नई दिल्ली : चीन में दुबारा सत्ता सँभालने वाले राष्ट्रपति शी जिनपिंग के तेवर इस बार तीखे नज़र आ रहे हैँ. वे लगातार अपनी सेना का निरीक्षण कर रहे हैँ और सेना को हमेशा जंग के लिए मुस्तैद रहने को कह रहे हैँ .जिनपिंग ने चीनी सेना (पीएलए ) को युद्ध जैसी परिस्थितियों से निपटने का आदेश दिया है.
बता दें कि सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (सीएमसी) के ज्वाइंट बैटल कमांड के निरीक्षण के दौरान जिनपिंग ने सेना को एक बार फिर से युद्ध के लिए नए सिरे से तैयारियां शुरु करने के आदेश दिए हैं.दरअसल चीनी राष्ट्रपति ऐसा बार – बार कहकर सेना को युद्ध के लिए उकसा रहे हैँ. सच तो यह है कि चीन को अपनी सेना की संख्या बल की ताकत का अभिमान है.
उल्लेखनीय है कि दुनिया की सबसे बड़ी मिलिट्री ताकत है.पीएलए में 23 लाख जवान और अधिकारी हैं. पीएलए पर सीएमसी का नियंत्रण है और सीएमसी का मुखिया चीन का राष्ट्रपति होता है. पता ही है कि चीन में विस्तारवादी नीति चलती है. जिसमें उसकी सेना की अहम भूमिका है .इसी कारण उसके उत्तर कोरिया को छोड़कर किसी भी देश से संबंध अच्छे नहीं है .डोकलाम में भारत से पंगा लेने पर कूटनीतिक हार की फजीहत के बावजूद जापान, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया और वियतनाम,ताइवान आदि से भी रिश्ते बिगड़े हैँ.
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