जानिए गुजरात के मुसलमान बीजेपी पर क्यों मेहरबान?

बीजेपी का नाम आते ही जहां देश का मुसलमान मुंह बनाने और नाक-भौं सिकोड़ने लगता है, तो वहीं गुजराती मुसलमानों के चेहरे पर मुस्कान बिखरने लगती है. गुजरात की ग्राउंड रियालिटी बताती है कि 2002 के दंगे के दर्द को भूलकर गुजरात के मुसलमानों ने बीजेपी को गले लगाया है. यही वजह है कि पिछले विधानसभा चुनाव 2012 में बीजेपी ने एक दर्जन से ज्यादा मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर जीत का परचम लहराया था. खुद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह कहते हैं कि गुजरात में हर पांच से एक मुस्लिम बीजेपी को वोट देता है, यानी 20 फीसदी मुस्लिम बीजेपी के साथ है.

गुजरात में 9 फीसदी मुस्लिम

गुजरात में विधानसभा चुनाव की सियासी बिसात बिछ चुकी है. बीजेपी गुजरात की सत्ता को बरकरार रखने की जद्दोजहद में लगी है. गुजरात में करीब 9 फीसदी मुस्लिम मतदाता है. राज्य के 182 विधानसभा सीटों में 25 सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम मतदाता किसी भी राजनीतिक पार्टी बनाने और बिगाड़ने का कूवत रखते हैं. इसी मद्देनजर सभी सियासी दलों की नजर इन मुस्लिम मतों पर लगी है. गुजरात में महज दो मुस्लिम विधायक हैं.

मुस्लिमों के नाम पर हाउसिंग सोसाइटी

गुजरात का पाटीदार, दलित और ओबीसी तबका फिलहाल बीजेपी से नाराज माना जा रहा है. बीजेपी इसकी भरपाई के लिए गुजरात के लिए मुस्लिम मतों को साधने में जुट गई है. गुजरात सरकार ने पिछले दिनों कई हाउसिंग सोसाइटी का नाम मुस्लिमों के नाम पर रखा है. अहमदाबाद के रखियाल क्षेत्र के मौजूद हाउसिंग सोसाइटी का नाम दारा शिकोह अपार्टमेंट और रामकृष्ण मेल के पास मौजूद हाउसिंग सोसाइटी का नाम वीर अब्दुल हमीद अपार्टमेंट रखा है.

मुस्लिम बाहुल्य 25 सीटों में 17 बीजेपी के पास

गुजरात का मुस्लिम मतदाता 2007 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का परंपरागत वोटर माना जाता रहा है. लेकिन 2007 के बाद बीजेपी ने कांग्रेस के इस वोटबैंक में सेंधमारी की है. 2012 के विधानसभा चुनाव में मुसलमानों का करीब 20 फीसदी वोट बीजेपी को मिला है. इसी का नतीजा रहा है कि 25 मुस्लिम बाहुल्य सीटों में 17 सीटों पर बीजेपी और 9 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी.

कांग्रेस की सीटों पर बीजेपी का कब्जा

बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष सूफी महबूब अली चिस्ती ने आजतक से कहा- मुस्लिम बहुल्य वागरा ,जम्बुसर, डभोई, कर्जन, पादरा, धोलका, जामनगर, भूंज, अंजारा, मंगरोल, जूनागढ़, रोजकोट जैसी सीटें बीजेपी जीतने में सफल रही है. ये सभी सीटें बीजेपी ने टारगेट बनाकर कांग्रेस से छीनी थी. ये वो सीटे थीं, जिन्हें बीजेपी 5 से 7 हजार वोट से कांग्रेस से हार जाया करती थी. गुजरात में बीजेपी के 200 से अधिक नगर पार्षद मुस्लिम हैं और उसमें लगभग 100 चेयरमैन मुस्लिम हैं.

मोदी ने बढ़ाया गुजरात का हज कोटा

हज यात्रा पर जाने वाले मुस्लिमों के सबसे ज्यादा आवेदन गुजरात से आते हैं. 2014 से पहले गुजरात का कोटा महज 4 हजार था. गुजरात हज कमेटी के चेयरमैन ने कई बार यूपीए सरकार से गुजरात का कोटा बढ़ाने का मांग किया, लेकिन सरकार ने नहीं बढ़ाया. 2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो गुजरात के हज यात्रियों का कोटा हर साल बढ़ाया. पिछले तीन सालों में ये कोटा 4 हजार से बढ़कर 15 हजार पहुंच गया है.

गुजरात दंगा और कर्फ्यू मुक्त

सूफी महबूब अली चिस्ती ने कहा-बीजेपी सदस्यता अभियान के दौरन गुजरात के 5 लाख मुस्लिम बीजेपी के प्राइमरी सदस्य बने हैं. उन्होंने कहा कि पिछले 15 सालों में बीजेपी के राज में गुजरात दंगा और कर्फ्यू मुक्त बना है. जबकि कांग्रेस के दौर में एक भी साल ऐसा नहीं गुजरा जब दंगा न हुआ हो. उन्होंने कहा मुसलमानों को चाहिए क्या सुरक्षा और विकास. गुजरात में दोनों मुसलमानों को मिल रहा है.

गुजरात के मुस्लिमों  के बेहतर हालात

सूफी महबूब अली चिस्ती ने कहा कि गुजरात के मुसलमानों की हालत देश के दूसरे मुसलमानों से बेहतर है. गुजरात के सरकारी नौकरियों में मुसलमानों की 9 फीसदी भागीदारी, गुजरात पुलिस में 10.5 फीसदी मुसलमान और गुजरात में मुसलमानों की साक्षरता दर 80 फीसदी है, जो गुजरात के हिंदुओं के बराबर है. उन्होंने कहा कि गुजराती मुस्लिमों ने कारोबार में भी काफी तरक्की की है. अल्पसंख्यकों के विकास के लिए बने 15 सूत्रीय कार्यक्रम को बेहतर तरीके से गुजरात में लागू किया गया है. इसके लिए यूपीए सरकार ने गुजरात को गुड ग्रेड दिया था. वहीं कांग्रेस शासित राज्य पिछड़ गए.

मोदी ने अल्पसंख्यक विकास वित्त निगम के जरिए मुस्लिमों की मदद

सूफी महबूब अली चिस्ती ने बताया कि गुजरात अल्पसंख्यक विकास वित्त निगम को अटल बिहारी बाजपेयी सरकार के दौरान 60 हजार करोड़ कर्ज दिया था. इसके बाद यूपीए सरकार से मदद मांगी जाती रही लेकिन उन्होंने नहीं दिया और कहा था कि पहले जो धन कर्ज लिया गया है उसका 32 करोड़ ब्याज गुजरात अदा करे. मोदी सरकार ने सत्ता में आते ही ब्याज को माफ किया और 20 हजार करोड़ रुपये एलार्ट किया है. इसके चलते 100 मुस्लिम छात्रों को MBBS,इंजीनियरिंग, मैनेमेंट की पढ़ाई के लिए विदेश भेजा गया है.

सेंधमारी की फिराक में बीजेपी

ये बात मानी जाती है कि मुस्लिम बीजेपी को वोट नहीं करता लेकिन हाल के दिनों में बीजेपी मुस्लिमों के बीच बंटवारा करके सेंधमारी करने की फिराक में है. सूफी विचारधरा से जुड़े मुसलमानों को बीजेपी अपनी ओर खींचने की कोशिश की है. तीन तलाक जैसे मुद्दे को खड़ा कर मुस्लिम महिलाओं का वोट बीजेपी को पड़े इसकी भी रणनीति बन रही है. राहुल गांधी मुसलमानों के मुद्दे पर गुजरात में खामोश हैं. कांग्रेस के मुस्लिम मुद्दों पर आंख बंद रखने और सॉफ्ट हिंदुत्व वाली इमेज के कारण कांग्रेस से मुसलमानों का एक बड़ा तबका नाराज माना जा रहा है.

बीजेपी  मुस्लिम उम्मीदवार पर दांव?

2017 के विधान सभा चुनाव में बीजेपी मुस्लिमों को टिकट न देने की रस्म तोड़ सकती है, जमालपुर के मौजूदा निर्दलीय पार्षद एवं कांग्रेस के पूर्व पार्षद इमरान खेडावाला केसरिया पहन कर जमालपुर सीट से कांग्रेस के खिलाफ ताल ठोक सकते हैं. जमालपुर सीट पर मुसलमानों की संख्या लगभग 65 फीसदी है. सूत्रों की माने पिछले तीन महीनों से बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और इमरान खेडावाला की बीच कई बैठकें हो चुकी हैं.

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