नई दिल्ली : मिली जानकारी के मुताबिक़ बताया जा रहा है की जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी (JNU) इस सप्ताह से विश्वविद्यालय (यूजीसी) के द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार अब अपनी एडमिशन प्रक्रिया शुरू कर सकती है. गौरतलब है कि छात्रों ने एमफिल और पीएचडी कोर्सेज में नई एडमिशन पॉलिसी का विरोध किया था और इसके खिलाफ छात्र दिल्ली हाईकोर्ट भी पहुंचे थे, लेकिन गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने जेएनयू छात्रों की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यूजीसी के गाइडलाइंस सभी विश्वविद्यालयों के लिए बाध्यकारी हैं और छात्रों को जारी किए गए सभी दिशा-निर्देशों को मानना होगा उन्हीं के अनुसार आगे की प्रक्रिया की जाएगी.
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नई दाखिला नीति में बदलाव के चलते डिप्रवेशन प्वाइंट (पिछड़े व वंचित इलाकों के जिलों के छात्रों को प्रवेश परीक्षा में दिया जाने वाले अतिरिक्त 5 अंक) एमफिल और पीएचडी के छात्रों को नहीं मिलेंगे.
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जेएनयू छात्र संघ का कहना है कि इससे शोध संबंधी कोर्सेज में सीटों की संख्या में कमी आएगी. वंचित इलाकों से आने वाले छात्र भी अतिरिक्त पांच अंकों से महरूम हो जाएंगे. हालांकि बीए, एमए और एमएससी के लिए दाखिला नीति में किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा.
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