चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर रंग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। सनातन धर्म में इस पर्व का बेहद खास महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, रंग पंचमी (Rang Panchami 2025) के दिन भगवान श्री कृष्ण और श्री राधा रानी ने होली खेली थी। इसी तिथि पर होली खेलने के लिए पृथ्वी लोक पर देवी-देवता आए थे। इसी वजह इस पर्व को हर साल मनाया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि रंग पंचमी की डेट और शुभ मुहूर्त के बारे में।
रंग पंचमी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 18 मार्च को रात 10 बजकर 09 मिनट से हो रही है। वहीं, इस तिथि का समापन 20 मार्च को रात को 12 बजकर 36 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, रंग पंचमी का त्योहार 19 मार्च को मनाया जाएगा।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 26 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 06 बजकर 32 मिनट पर
चन्द्रोदय – रात 10 बजकर 11 मिनट पर
चन्द्रास्त – सुबह 08 बजकर 54 मिनट पर
शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त – दोपहर 04 बजकर 51 मिनट से 05 बजकर 38 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 54 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 29 मिनट से 06 बजकर 54 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 52 मिनट तक।
रंग पंचमी का महत्व (Rang Panchami Significance)
धार्मिक मान्यता के अनुसार, रंग पंचमी के शुभ अवसर पर भगवान कृष्ण और राधा रानी ने होली खेली थी और एक दूसरे को गुलाल लगाया था। साथ ही इसी दिन देवतागण का धरती पर आगमन हुआ था और उन्होंने भी इस पर्व को मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि रंग पंचमी के दिन देवी-देवताओं को गुलाल और अबीर चढ़ाने से व्यक्ति की कुंडली में दोष दूर होता है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
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