ओटावा और वाशिंगटन ने चीन में हिरासत में लिये गए कनाडा के दो नागरिकों की रिहाई के लिये बीजिंग पर दबाव बढ़ा दिया है. ऐसा समझा जाता है कि अमेरिकी वारंट पर एक चीनी कंपनी की वरिष्ठ अधिकारी को वैंकूवर में गिरफ्तार किये जाने के जवाब में चीन ने यह कार्रवाई की है.
यूरोपीय संघ ने भी कहा है कि वह कनाडाई नागरिकों को हिरासत में लिये जाने के मामले में कनाडा का समर्थन कर रहा है. चीन और अमेरिका के बीच प्रतिद्वंद्विता में ओटावा फंस गया है. कनाडा की विदेश मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, ‘‘हम इस महीने की शुरूआत में दो कनाडाई नागरिकों को चीनी अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिये जाने से बेहद चिंतित हैं और उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग करते हैं.’’
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रॉबर्ट पालाडिनो ने भी दोनों को रिहा करने की मांग की. वहीं, यूरोपीय संघ के विदेश मामलों के लिये उच्च प्रतिनिधि फेडरिका मोगेरिनी ने एक प्रवक्ता के जरिये कहा, ‘‘यूरोपीय संघ कनाडा सरकार के प्रयासों का समर्थन करता है.’’ चीन ने कनाडा के पूर्व राजनयिक माइकल कोवरिग और व्यापार सलाहकार माइकल स्पेवोर को 10 दिसंबर को हिरासत में ले लिया था. यह कार्रवाई एक दिसंबर को वैंकूवर में चीनी कंपनी हुवावे की मुख्य वित्तीय अधिकारी मेंग वानझोउ को विमान बदलने के दौरान गिरफ्तार किये जाने के बाद की गई थी.
मेंग को बाद में उनके प्रत्यर्पण को लेकर सुनवाई पुरी होने तक के लिये जमानत पर रिहा कर दिया गया था. अमेरिका ने उनपर ईरान पर लगे प्रतिबंधों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है. अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध चल रहा है.
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