जिस चारबाग रेलवे स्टेशन के पार्किंग एरिया से लेकर प्लेटफार्मो तक दरुगध के कारण यात्रियों का खड़ा होना मुश्किल होता है। उस स्टेशन को आम यात्रियों ने गंदगी में नौंवा स्थान दिया। यह साप्ताहिक सर्वेक्षण रिपोर्ट है, जो यात्रियों के फीडबैक से बनती है। वहीं देश भर के सर्वेक्षण में चारबाग स्टेशन को देश का छठा सबसे साफ सुथरा स्टेशन घोषित किया गया है। चारबाग स्टेशन स्वच्छता रैंकिंग में वर्ष 2016 में 43वें और 2017 में 57वें स्थान पर था। दूसरी ओर पिछले सर्वेक्षण में टॉप 10 में जगह बनाने वाले लखनऊ जंक्शन का नाम इस बार दूर तक नहीं है। इस रैंकिंग से रेलवे अफसर भी चक्कर में पड़ गए हैं। चारबाग ए-1 श्रेणी का स्टेशन है। स्टेशन के नौ प्लेटफार्मो से करीब 300 ट्रेनें रोज गुजरती हैं। जिनसे करीब डेढ़ लाख यात्री सफर करते हैं। रेलवे लखनऊ सहित कई स्टेशनों की सफाई की स्थिति का पता लगाने के लिए इंटरेक्टिव वॉयस रिस्पास सिस्टम (आइवीआरएस) के जरिए यात्रियों को फोन कर हर सप्ताह सर्वेक्षण कराता है। इस साप्ताहिक सर्वेक्षण में पिछले कई सप्ताह से लखनऊ का स्थान आठ से नौंवे पर रही टिका हुआ है। देश के दस सबसे गंदे रेलवे स्टेशनों में चारबाग रेलवे स्टेशन का नाम भी शुमार था। यात्रियों से मिले फीडबैक के बाद इसे नौवा नंबर मिला था। यह रैंकिंग देश के 65 ए-1 श्रेणी के स्टेशनों पर आधारित थी। अब रेलवे बोर्ड के अधीन जोनल मुख्यालयों की ओर से स्वच्छता को लेकर रेल मंत्रलय के पर्यावरण और हाउसकीपिंग प्रबंधन निदेशालय की देश के 75 ए-1 श्रेणी के स्टेशनों की स्वच्छता सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की गई। यह सर्वेक्षण क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया ने किया।
क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया ने स्टेशनों के प्रमुख प्लेटफार्मो की सफाई, वेटिंग हॉल, शौचालय, वेंडर एरिया, पैदल पुल सहित कई स्थानों पर यात्रियों से फीडबैक लिया था।
सात करोड़ हो गए सफाई पर खर्च
चारबाग स्टेशन की सफाई पर पिछले दो साल के दौरान सात करोड़ रुपये खर्च हो गए। लेकिन अब भी प्लेटफॉर्म पर आवारा जानवर गंदगी फैलाते हैं। प्लेटफॉर्म नंबर छह और सात की पटरियों पर गंदगी जमा रहती है। मुख्य नाले की सफाई न होने से अक्सर पानी भर जाता है। सफाई के लिए लगाए गए कई डस्टबिन गायब हो चुके हैं।