लखनऊ रेलवे स्टेशन पर चूहों का आतंक इस कदर छाया हुआ है कि रेलवे को उन्हें मारने के लिए हर महीने 35 हजार रुपये की सुपारी देने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
रेलवे ने एक निजी कंपनी को 4.76 लाख रुपये का ठेका दिया है ताकि चारबाग (लखनऊ) रेलवे स्टेशन से चूहों के आतंक को खत्म किया जा सके। ये चूहे रेलवे लाइनों और प्लैटफॉर्म्स के नीचे गड्ढे खोदकर उनका आधार कमजोर कर रहे हैं। इसके अलावा ये स्टेशन परिसर में रखे यात्रियों के सामान और सरकारी फाइलों को भी काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं।
चूहों के मरने के लिए रेलवे स्टेशन ने दी सुपारी
पिछले तीन सालों के भीतर यह दूसरी बार है जब किसी कंपनी को इस काम का जिम्मा सौंपा गया है। इससे पहले साल 2013 में जिस कंपनी को यह काम दिया गया था वह नाकाम रही थी।
स्टेशन पर मौजूद एक रेलवे अधिकारी ने बताया, ‘प्लैटफॉर्म पर और स्टेशन बिल्डिंग में चूहों के उपद्रव से पिछले एक साल में ही 10 लाख का नुकसान उठाना पड़ा है। इससे न सिर्फ वेंडर्स और स्टेशन कर्मचारी बल्कि यात्री भी खासे परेशान हैं।’ वह बताते हैं कि अमानती सामान घर (क्लॉक रूम) में ये चूहे यात्रियों के सामान को काफी नुकसान पहुंचा देते हैं, जिसका हर्जाना लोग रेलवे से मांगते हैं। इसके अलावा कर्मचारी भी जरूरी फाइलों को टुकड़े बटोरते-बटोरते थक चुके हैं।
लखनऊ से कानपुर रोजाना आने-जाने वाले बृजेश बताते हैं, ‘कुछ चूहे तो आधा किलोग्राम से भी ज्यादा के हैं। कई बार तो ये छोटे बच्चों को भी काट खाते हैं। मैंने कई बार देखा है कि लोग स्टेशन मास्टर से चूहों के इस उत्पात को लेकर शिकायत करते हैं।’
वहीं टेंडर हासिल करने वाली कंपनी का कहना है कि वह इससे निपटने के लिए न सिर्फ स्टेशन, बल्कि इसके आस-पास के यार्ड और बिल्डिंग्स में भी कार्रवाई करेगी। कंपनी ने बताया कि चूहों को मारने के लिए वह विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अंतर्गत जहरीले पदार्थ को खाने की चीजों में मिलाकर रखने की योजना बना रही है।