गोरखपुर: गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव 11 मार्च को होना है. ऐसे में देश-विदेश की मीडिया का सारा ध्यान इसी सीट पर है. आखिर हो भी क्यों न? उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने से पहले गोरखनाथ मंदिर के महंत योगी आदित्यनाथ इस महत्वपूर्ण सीट से लगातार पांचवीं बार सांसद चुने गए थे. बीते साल जुलाई में उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दिया था. योगी से पहले उनके गुरु स्वर्गीय अवैद्यनाथ भी 1989 से इस सीट पर सांसद थे. ऐसे में यह सीट भाजपा और उससे भी ज्यादा योगी आदित्यनाथ के प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुकी है.गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में हॉट सीट बनी गोरखपुर में भाजपा के लिए योगी ही सहारा

पत्रकार हेमंत पांडेय के मुताबिक, भाजपा ने इस सीट से केंद्रीय मंत्री शिवप्रताप शुक्ल के भांजे एवं पूर्व भाजपा जिलाध्यछ उपेंद्र शुक्ल को पदाधिकारी घोषित किया है. चुनाव प्रचार के दौरान गोरखपुर के लोगों को यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि शुक्ल को योगी का आशीर्वाद प्राप्त है. दरअसल, भाजपा उम्मीदवार को भी बस योगी के नाम का ही सहारा है.

इसका कारण भी है और इसलिए सीएम योगी ताबड़तोड़ अपने इस गढ़ में जनसभाएं कर रहे हैं. भाजपा के लोग तो योगी के चमत्कार के सहारे अपनी जीत तय मान रहे हैं लेकिन उनका मानना है कि अगर जीत का अंतर कम हुआ तो गलत संदेश जाएगा. यही नहीं कुछ दिन पहले ही भाजपा उम्मीदवार शुक्ल ने एक जनसभा में कहा था कि योगी उनके जीवन के संरक्षक हैं. इसलिए गोरखपुर में चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा की पूर्वोत्तर के राज्यों में जीत को पार्टी कार्यकर्ता लोगों के बीच में वोट खींचने के लिए बहुत बड़ा मुद्दा नहीं मान रहे हैं.

यूपी लोकसभा उपचुनाव से जुड़ी तारीखें

यूपी में दो लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव होने हैं. गोरखपुर लोकसभा सीट योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के कारण इस्तीफा देने और फूलपुर लोकसभा सीट उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के त्यागपत्र दिये जाने की वजह से खाली हुई हैं. इन सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान 11 मार्च को होना है. जबकि दोनों सीटों के परिणाम 14 मार्च को घोषित होंगे.