लॉकडाउन के बीच पहली बार गृह जनपद गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ ही विकास परियोजनाओं की भी नब्ज टटोली। पहले स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी लेते हुए कहा कि वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की व्यवस्था बढ़ाई जाए।
उन्होंने कहा कि कोरोना से संक्रमित मरीज को इलाज मिलने में थोड़ी भी देर नहीं होनी चाहिए। क्वारंटीन सेंटरों में गुणवत्तायुक्त अच्छा भोजन उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने आश्वस्त किया कि जल्द ही पर्याप्त संख्या में सी-बी नेट मशीनों के साथ ही जांच की व्यवस्था भी बढ़ाई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और सीएमओ से कहा कि वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की व्यवस्था बढ़ाई जाए। बीमार-बुजुर्ग और बच्चों पर विशेष नजर रखी जाए।
प्राइवेट अस्पतालों में भी इमरजेंसी वाले ऑपरेशनों को बढ़ावा दिया जाए, साथ ही वहां के डॉक्टर और नर्स समेत सभी पैरामेडिकल स्टाफ को भी सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाए।
मुख्यमंत्री ने आगाह करते हुए कहा कि इलाज के दौरान कई डॉक्टर और नर्स भी संक्रमण के चपेट में आ जा रहे हैं, ऐसे में चिकित्सकीय सेवा से जुड़ा हर कोई अपनी सुरक्षा के प्रति भी सतर्क रहे।
उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से बड़ी संख्या में थर्मल स्कैनर और पल्स नापने वाली आधुनिक मशीनें उपलब्ध करा दी गई हैं। जरूरत पड़ी तो और देंगे। इनका पूरा इस्तेमाल करें। ट्रेन या बसों के माध्यम से बाहर से जो भी लोग आ रहे हैं। सभी का स्टेशन पर ही स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए।
जिनमें संक्रमण का थोड़ा भी लक्षण दिखे, उन्हें क्वारंटीन सेंटरों में रखा जाए। उनके नमूने जांच के लिए भेजे जाएं और यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी व्यक्ति को क्वारंटीन सेंटर में कोई दिक्कत न होने पाए। उनके खाने-पीने और सोने की अच्छी व्यवस्था की जाए।
दूसरे चरण में विकास परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने सभी बड़ी विकास परियोजनाओं की धीमी गति पर नाराजगी जताई।
उन्होंने निर्देश दिया कि बरसात के पहले हर हाल में मोहद्दीपुर-जंगल कौड़िया, असुरन-मेडिकल कॉलेज रोड और कॉलेसर-जंगल कौड़िया फोरलेन बाईपास समेत शहर के भीतर चल रहे सभी निर्माण पूरे कर लिए जाएं वर्ना संबंधित विभागों के अफसरों पर कार्रवाई होगी।
उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के बीच विकास कार्यों पर भी ध्यान देना जरूरी है। इसमें लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
डीएम के.
विजयेंद्र पांडियन ने मुख्यमंत्री को जानकारी देते हुए बताया कि मोहद्दीपुर-जंगल कौड़ियां फोरलेन के काम में तेजी आ गई है। यातायात तिराहे से लेकर धर्मशाला चौराहे के बीच मौजूद शनिदेव और दुर्गा मंदिर के साथ ही बाकी अवरोध भी हटा दिए गए हैं। गोरखनाथ मंदिर के पास भी ज्यादातर लोगों ने खुद ही दुकानें हटा लीं।
वहां भी सड़क में आने वाली दुकानों को तोड़ने और मलबा हटाने का काम जारी है। इस पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि दिन-रात, दो शिफ्टों में काम कराए जाए।
बड़ी संख्या में मजदूर दिल्ली, मुंबई, पंजाब, हरियाणा आदि प्रांतों से लौटे हैं। ज्यादा से ज्यादा लोगों को काम पर लगाएं। इससे लॉकडाउन के बीच उन्हें रोजगार तो मिलेगा ही विकास परियोजनाएं भी समय पर पूरी होंगी।
इसी तरह उन्होंने गोरखपुर-वाराणसी फोरलेन और खाद कारखाने के निर्माण कार्य में देरी पर भी नाराजगी व्यक्त करते हुए जल्द से जल्द इन्हें पूरा कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि निर्माण स्थलों पर सोशल डिस्टेंसिंग समेत सभी जरूरी एहतियात बरती जाए।
इस दौरान कमिश्नर जयंत नार्लिकर, डीआईजी राजेश डी मोदक, डीएम के. विजयेंद्र पांडियन, एसएसपी डॉ सुनील गुप्ता, जीडीए उपाध्यक्ष अनुज सिंह आदि अधिकारी मौजूद रहे।