गुजरात भाजपा ने अपने नवनिर्वाचित विधायकों की गांधीनगर में आज बैठक बुलाई है। इसमें नए मुख्यमंत्री का चयन किया जाएगा। इससे पहले सीएम विजय रुपाणी ने बृहस्पतिवार को विधानसभा भंग होने के चलते अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
वहीं जयराम ठाकुर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बन सकते हैं। पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल द्वारा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की राह में कांटे बिछाने के बाद इस पद की दौर में जयराम का पलड़ा और भारी हो गया है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष जीतू वघानी ने बताया कि पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई गई है। केंद्रीय पर्यवेक्षकों अरुण जेटली और सरोज पांडे की मौजूदगी में विधायक अपने नए नेता चयन करेंगे। इस दौरान प्रदेश भाजपा प्रभारी भूपेंद्र यादव और उपप्रभारी वी सतीश भी पार्टी मुख्यालय में उपस्थिति रहेंगे। सीएम पद के लिए रुपाणी के अलावा नितिन पटेल, मनसुख मंडविया और पुरुषोत्तम रुपाला के नामों पर चर्चा हो रही है। कहा जा रहा है कि राज्य में नई सरकार का गठन अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन 25 दिसंबर को हो सकता है।
इससे पहले उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल और अन्य मंत्रियों के साथ रुपाणी ने गांधीनगर में राज्यपाल से मिलकर मंत्रिमंडल का इस्तीफा सौंप दिया। हालांकि नई सरकार के गठन तक वह कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहेंगे। हाल में हुए 182 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में भाजपा को 99, कांग्रेस को 77 और छह सीटें अन्य ने जीतीं।
पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक नड्डा इस पद की दौर में बेहद मजबूत स्थिति में थे। मगर धूमल ने उनकी राह रोक दी। बताते हैं कि धूमल ने नेतृत्व के सामने तर्क दिया कि नड्डा को सीएम बनाने की स्थिति में उपचुनाव कराना होगा। ऐसे में उन्हें भी उपचुनाव लड़ाया जा सकता है, क्योंकि नेतृत्व पहले ही उन्हें सीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर चुका है।
इसके अलावा धूमल खेमा चुनाव में साजिश का आरोप लगा रहा है। इनका कहना है कि आखिर क्या कारण है कि पार्टी के पक्ष में लहर के बावजूद धूमल, उनके समधी समेत धूमल के कट्टर समर्थक पांच नेताओं को हार का सामना करना पड़ा। पार्टी सूत्रों ने यह भी बताया कि वन टू वन मुलाकात में सात बार के विधायक मोहिंदर सिंह, राजीव बिंदल, सुरेश भारद्वाज और कृष्णा कपूर के नामों पर भी मन टटोला जाएगा, मगर जयराम का मुख्यमंत्री बनना करीब करीब तय है। इस आशय का संदेश तब भी गया जब जयराम ने बुधवार को धूमल से मुलाकात की।
दरअसल आलाकमान नहीं चाहता कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले इस मामले को ले कर विवाद की स्थिति बनी रहे। यही कारण है कि अंतत: जीते गए विधायकों में से ही किसी को सीएम बनाने पर सहमति बनी। चूंकि हिमाचल प्रदेश में ठाकुर बिरादरी की आबादी 40 फीसदी से ज्यादा है, इसलिए इसी बिरादरी के जयराम का दावा मजबूत है।