उत्तर गुजरात की राजस्थान से जुड़ी सीमा के आस-पास के किसानों की शीत ऋतु की फसल की सिंंचाई के लिए पानी उपलब्ध नहीं हो रहा है।

घेराव और ज्ञापन सहित विविध युक्ति-प्रयुक्ति के बाद एक-दो दिन ही कैनाल से सिंचाई की सुविधा मुहैया करवाई जाती है। उसके बाद फिर बंद कर दी जाती है।
सरकार के इस रवैये से नाराज राछेणा व आसपास के गांवों के करीब 300 किसानों ने तहसील दार को ज्ञापन देकर सामूहिक आत्महत्या करने की धमकी दी है।
किसानों ने ज्ञापन ने कहा है कि उन्हें सिंचाई के लिए कैनाल से पानी नहीं दिया गया तो वे सामूहिक आत्महत्या कर लेंगे। गुजरात में इस साल 140 से फीसदी से भी अधिक बारिश हुई है। पिछले महीने आये महा चक्रवात के कारण किसानों की फसल भी बरबाद हो गई है। अब उन्हें सिंचाई के लिए संकट का सामना करना पड़ रहा है।
उत्तर गुजरात के वाप तहसील के किसानों ने रैली निकाल कर तहसीलदार केके ठाकोर को ज्ञापन दिया है। किसानों की मांग है कि उन्हें माइनोर एक और दो चालूकर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करवायी जाये। इस सीजन में अभी तक उन्हें इस सुविधा से वंचित रखा गया है।
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