गाजा में शासन को लेकर योआव गैलेंट का यह बयान ऐसे समय में आया है जब आठ महीनों से जारी जंग के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की ओर से प्रस्तावित नए युद्ध विराम समझौते को लेकर भारी दबाव में हैं।
इस्राइल और हमास के बीच पिछले साल अक्तूबर से भीषण जंग जारी है। इस बीच, इस्राइली रक्षा मंत्री योआव गैलैंट ने रविवार को कहा कि तेल अवीव गाजा में प्रशासन के लिए एक ऐसे विकल्प पर विचार कर रहा है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि हमास के अलावा यह विकल्प कौन हो सकता है।
गैलेंट का यह बयान ऐसे समय में आया है जब आठ महीनों से जारी जंग के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की ओर से प्रस्तावित नए युद्ध विराम समझौते को लेकर भारी दबाव में हैं। दूसरी ओर, उनके धुर दक्षिणपंथी सहयोगियों ने चेतावनी दी है कि अगर वह इस समझौते को स्वीकार करेंगे तो उनकी सरकार गिर जाएगी। वहीं, बड़ी संख्या में इस्राइली नागरिक बंधकों की रिहाई के लिए सरकार पर समझौते को स्वीकार करने का दबाव बना रहे हैं।
इस्राइल की तीन सदस्यीय वॉर कैबिनेट के हिस्सा रहे गैलेंट ने एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, हम (गाजा में) हमास का विकल्प चाहते हैं। इसके लिए रोडमैप में क्षेत्रों को बांटना, इन क्षेत्रों में हमास के आतंकवादियोंको हटाना और अन्य बलों को लाना शामिल है, जो एक शासी विकल्प के गठन को सक्षम करेंगे। गैलेंट ने कहा, इससे गाजा में हमास की सेना और शासन करने के अधिकार को खत्म करने और सात अक्तूबर के हमले बाद बंधक बनाए गए शेष लोगों को घर वापस लाने के इस्राइल के लक्ष्यों को हासिल किया जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा, हम युद्ध को समाप्त करने के लिए किसी भी स्तर की प्रक्रिया में हमास के शासन को स्वीकार नहीं करेंगे।
एक इस्राइली रक्षा अधिकारी ने बताया कि गैलेंट गाजा में हमास मुक्त अलग-अलग क्षेत्रों के बनने और उस ताकत की पहचान करने की उम्मीद कर रहे हैं, जो लंबे समय तक के लिए गाजा में सरकार चलाने में सक्षम हो सकती है। उन्होंने कहा, इस्राइल ऐसे नेताओं का विकल्प देख रहा है जो तेल अवीव के प्रति शत्रुतापूर्ण रवैया न रखा हो। उन्होंने कहा, गैलेंट का मानना है कि फलस्तीनियों को फलस्तीन पर शासन करना चाहिए। इस्राइल इन क्षेत्रों में मदद को बढ़ाएगा और स्थानीय बल मदद को वितरित करने के लिए जिम्मेदार होंगे। एक विशेषज्ञ ने कहा, यह दृष्टिकोण चुनौतीपूर्ण है और पहले भी विफल रहा है।