हरियाणा में गृह मंत्री बनते ही छापेमारी का सिलसिला शुरू कर चुके अनिल विज प्रदेश की खुफिया जानकारी से लैस रहेंगे। राजनैतिक खुफिया जानकारी भी अनिल विज तक पहुंचेगी। मसलन साझा सरकार में कौन पूरी निष्ठा से जुड़ा है और कौन मौका तलाश रहा है यह सारी जानकारी होम मिनिस्टर के पास पहुंचेगी। अभी तक यह सारी जानकारी सीआईडी शाम के समय चीफ मिनिस्टर को देती आई है। हरियाणा में सरकारी तंत्र में सीआईडी की भूमिका किसी से छिपी नहीं है।
पिछली सरकारों में सरकार को धरना-प्रदर्शन से लेकर विरोध की राजनीति करने वालों के मंसूबे तक सीआईडी के माध्यम से पता चलते रहे हैं। यही कारण है कि होम कभी भी मुख्यमंत्री से अलग नहीं होता था, लेकिन इस बार स्थितियां दिलचस्प होंगी। सूबे की कानून व्यवस्था से लेकर नशे के कारोबार और आतंकी गतिविधियों तक की जानकारी सबसे पहले विज के पास पहुंचेगी। जिसके बाद ही उस पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
सूबे में पुलिस एक ऐसा महकमा है जो सरकार की छवि को सीधे तौर पर प्रभावित करता है। थानों में पनप रहा भ्रष्टाचार किसी से छुपा नहीं है। ऐसे में विज की छवि को देखते हुए जनता सीधे विज के दरबार में पहुंचेगी। चूंकि सीआईडी पुलिस का ही हिस्सा है। इसलिए सीआईडी की निष्ठा भी होम मिनिस्टर के प्रति होगी। हरियाणा में सीआईडी पुलिस का एक हिस्सा है। सीआईडी का बजट भी डीजीपी के माध्यम से ही तय होता है। बजट की मांग भी डीजीपी के माध्यम से ही सरकार को जाती है। ऐसे में तकनीकी तौर पुलिस होम का हिस्सा है और सीआईडी पुलिस का।
हरियाणा में पुलिस के क्लास वन अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार सीएम का होता है। अब यह फाइलें एसीएस होम के माध्यम से होम मिनिस्टर के पास होती हुई सीएम के पास जाएंगी। लिहाजा विज भी अपनी चलाने से नहीं चूकेंगे। हालांकि उनका कहना है कि मुझे जो भी अधिकारी मिलेगा मैं काम करवा लूंगा।