क्यों खास है लेंट का समय, इस दौरान ध्यान रखे जाते हैं ये नियम

साल 2025 में लेंट (Lent 2025) की शुरुआत 05 मार्च से हो चुकी है, जो 17 अप्रैल तक चलने वाले हैं। यह एक महत्वपूर्ण अवधि मानी जाती है, जिसमें उपवास रखा जाता है। इस समय को प्रार्थना, आत्मा की शुद्धि, उपवास और दान आदि का समय माना जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं लेंट से जुड़ी कुछ जरूरी बातें।

क्यों खास है लेंट (Lent Significance)

क्रिश्चन लोगों का मानना है कि लेंट से बेहतर कोई समय नहीं है, जब हम अपने विश्वास को फिर से जोड़ सकते हैं या उसे गहरा कर सकते हैं। इस दौरान आत्म-अनुशासन के लिए कुछ विलासिता की चीजों का त्याग किया जाता है जैसे – मिठाई, विशिष्ट खाद्य पदार्थ, शराब छोड़ आदि।

ऐश वेडनसडे को काफी खास माना गया है। इस दिन पर लोग चर्च जाकर प्रार्थना करते हैं और अपने माथे पर राख से क्रॉस का निशान लगाते हैं। पश्चाताप, विनम्रता और शोक के संकेत के रूप में यह किया जाता है।

हर एक दिन होता है खास
लेंट के हर एक दिन को एक खास नाम में जाना जाता है। लेंट का पहला रविवार क्वाड्रैजेसिमा संडे या इनवोकैबिट संडे के नाम से जाना जाता है, जो इस बार 09 मार्च 2025 को पड़ेगा। इस अवधि में लोग ऐश बुधवार और लेंट के हर शुक्रवार के दिन मांस खाने से परहेज करते हैं।

नहीं खाई जाती ये चीजें
लेंट के दौरान मांस-मदिरा, मछली (केवल कुछ दिनों में मछली खाने की अनुमति जैसे पाम संडे आदि), अंडे, दूध, दूध से बने उत्पाद जैसे पनीर, दही, मक्खन आदि जैसी चीजें खाने की अनुमति नहीं होती।

खाई जाती हैं ये चीजें
लेंट के समय में सब्जियां, फल, अनाज और फलियां, मशरूम, नट्स और बीज, जूस आदि चीजें खाई जाती हैं, जो धार्मिक दृष्टि के साथ-साथ सेहत की दृष्टि से भी काफी लाभकारी साबित होती हैं।

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