कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते राजस्व में कमी का हवाला देकर जहां राज्यों की सरकारें अपने कर्मचारियों की सैलरी में कटौती का निर्णय ले रही हैं, वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की है कि राज्य सरकार के कर्मचारियों के वेतन में न तो कटौती होगी और न ही उसे स्थगित किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा है कि राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत है और यह इस महामारी से उत्पन्न हुई चुनौतियों से मुकाबला कर लेगी। उन्होंने कहा कि जहां दूसरे प्रदेशों में वेतन में कटौती की जा रही है, वहीं यूपी सरकार ने मिसाल पेश की है। यूपी में सभी सरकारी कर्मचारियों को मार्च का वेतन बिना कटौती के जारी कर दिया गया है और आगे भी ऐसे ही चलता रहेगा।
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अवस्थी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निजी कंपनियों से इस संकट की घड़ी में कर्मचारियों को पूरी सैलरी देने के लिए कहा है। ऐसे में राज्य सरकार की यह जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने कर्मचारियों को पूरी तनख्वाह दे।
कोरोना वायरस के चलते आंध्र प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और तेलंगाना जैसे राज्यों ने अपने कर्मचारियों की सैलरी में कटौती की घोषणा की है। इन सरकारों का कहना है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में किए गए लॉकडाउन के कारण राजस्व में भारी कमी आई है। इसी को ध्यान में रखकर यह फैसला लिया गया है।
महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल, विधायक, एमएलसी, निगम अध्यक्ष समेत अन्य सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों के वेतन में 50 फीसदी तक की कटौती की गई है। ए और बी श्रेणी के कर्मचारियों की सैलरी में 50 फीसदी, सी श्रेणी के कर्मचारियों की सैलरी में 25 फीसदी की कटौती की जाएगी। डी श्रीणी के कर्मचारियों को सैलरी कटौती से मुक्त रखा गया है।
तेलंगाना में मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक , विधान परिषद सदस्य समेत दूसरे निर्वाचित प्रतिनिधियों- कॉर्पोरेशन के चेयरमैन, शहरी लोकल बॉडी के सदस्यों के वेतन में 75 फीसदी की कटौती की गई है और उन्हें सिर्फ 25 फीसदी सैलरी ही मिलेगी। तेलंगाना सरकार ने नौकरी वालों के साथ-साथ पेंशन पाने वाले पूर्व कर्मचारियों और अधिकारियों के पेंशन में भी 50 परसेंट तक की कटौती कर दी गई है। डी श्रेणी के कर्मचारियों की सैलरी या रिटायर्ड ग्रुप 4 कर्मचारियों के पेंशन में 10 परसेंट की कटौती का फैसला हुआ है।
आंध्र प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के वेतन को रोकने करने का आदेश जारी किया है। राज्य के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने बताया है कि जिन सरकारी कर्मचारियों की सैलरी रोकी गई है उनमें मुख्यमंत्री/ मंत्रियों/ विधायकों/ एमएलसी, निगम सदस्यों, स्थानीय निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के वेतन का 100% स्थगन शामिल है।