पिछले चार महीनों से कोरोना वायरस (Coronavirus) ने दुनिया भर में कोहराम मचा रखा है. कई देशों के वैज्ञानिक इसके लिए दवाई तैयार करने के लिए लगातार रिसर्च कर रहे हैं. इस बीच अमेरिकी कंपनी जीलीड साइंस (Gilead Scienece) ने बड़ा ऐलान किया है. कंपनी का कहना है कि उसने एक ऐसी दवाई तैयार की है, जिसका असर कोरोना वायरस के मरीज़ों पर दिखने लगा है.
बड़ी कामयाबी!
न्यू इंग्लैंड जनरल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित इस रिपोर्ट के मुताबिक, जीलीड साइंस की इस दवा का क्लीनिकल ट्रायल किया गया. इसके तहत ऐसे 53 मरीजों को चुना गया जो कोरोना वायरस के चलते गंभीर रूप से बीमार थे. इस दवा के देते ही आधे मरीज को वेंटिलेटर से हटा लिया गया, जबकि 47 फीसदी मरीज को बाद में अस्पताल से छुट्टी मिल गई. इस ट्रायल के तहत दवाई की डोज़ अगल-अलग देशों के मरीज को दिए गए, जिसमें अमेरिका, यूरोप, कानाडा और जापान के मरीज शामिल हैं.
ऐसे में इस दवाई से दुनिया भर में उम्मीदें जग गई है. हालांकि कंपनी का कहना है कि अभी पुख्ता तौर पर ये नहीं कहा जा सकता है कि इस दवाई से कोरोना के मरीज़ ठीक हो ही जाएंगे. दरअसल साइंस की भाषा में इसे कंट्रोल तरीके से नहीं आजमाया गया. यानी ये नहीं पता लगाया जा सका कि अगर इन मरीजों को ये दवाई नहीं दी जाती तो क्या वो ठीक हो पाते या नहीं. फिलहाल वैज्ञानिकों ने कहा है कि अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता लेकिन उम्मीदें जरूर जग गई हैं.
और भी होंगे ट्रायल
इस बीच अमेरिकी कंपनी ने कहा है कि वो कई और जगह अपनी दवाइयों का ट्रायल कर रहे हैं और मई में कुछ और बेहतर नतीजे सामने आ सकते हैं. बता दें कि दुनिया के कई देशों में फिलहाल अलग-अलग ड्रग्स पर शोध किए जा रहे हैं जिसमें मलेरिया की दवाई भी है. अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि मलेरिया की दवाई दुनिया भर के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है.