वायरस के संक्रमण से बचने के लिए चार माह से घरों में बंद लोगों में कोरोना का खौफ हावी होने लगा है। उनका एक-दूसरे से मिलना जुलना कम हो गया है, जिससे अपनी भावनाएं और विचार एक दूसरे से साझा नहीं कर पा रहे हैं। घर में रहकर एकाकी जीवन बिताना उस पर कोरोना के खौफ ने उन्हें मनोरोगी बना रहा है।
कोरोना एंजाइटी की वजह से उन्हें सांस लेने में तकलीफ, घुटन एवं बेचैन महसूस हो रही है, ऐसी शिकायतें लेकर कई लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं। उनकी सभी जांच रिपोर्ट नार्मल आने के बाद भी बार-बार अटैक पड़ रहे हैं। रोजाना मेडिकल कॉलेज के टेलीमेडिसिन ओपीडी में 20-25 कॉल आ रहे हैं। हैलट के कोविड हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों को भी यही समस्या हो रही है। संक्रमण की वजह से जीने की आस छोडऩे जैसी बातें करने लगते हैं।
केस-1 : किदवई नगर की सेवानिवृत 62 वर्षीय शिक्षिका को कई दिनों से सांस लेने में तकलीफ महसूस कर रही थीं। देर रात बेचैनी बढऩे पर स्वजन उन्हें लेकर हृदय रोग संस्थान गए। इको कार्डियो ग्राफ (ईसीजी) रिपोर्ट नार्मल आने पर उन्हें हैलट भेज दिया। वहां जांच में ऑक्सीजन लेवल 97-98 फीसद निकला। कुछ देर रखने के बाद उन्हें घर भेज दिया। दूसरे दिन वैसी ही दिक्कत होने पर उन्हें फिर लेकर आए। जांच में कुछ नहीं निकला। कोरोना की रिपोर्ट भी निगेटिव आई है। उन्हें मनोचिकित्सक से काउंसिलिंग की सलाह दी है।
केस-2 : स्वरूप नगर निवासी मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत 42 वर्षीय युवक अप्रैल माह से घर से ही काम कर रहे है। एक सप्ताह पहले उन्हें भी कोरोना जैसे लक्षण होने का अंदेशा होने लगा। बुखार, खांसी और सांस लेने में दिक्कत की शिकायत करने पर उनकी पत्नी ने उन्हें डॉक्टर को दिखाया। जांच में कुछ नहीं निकला। फिर भी वह समस्या बताते रहे। उन्हें फ्लू ओपीडी में दिखा तो कोरोना की जांच कराई। लेकिन इसकी रिपोर्ट भी निगेटिव आई है। डॉक्टरों ने मनोचिकित्सक के पास भेज दिया।
यह है गंभीर स्थिति
- आत्म हत्या करने जैसे विचार का मन में आना।
- अत्यधिक उलझन-घबराहट, जिसमें मरीज घर से भागने लगे।
- उल्टी सीधी बातें बोलने लगे, पागलपन जैसे लक्षण आने लगें।
परामर्श के लिए करें संपर्क
मेडिकल कॉलेज में टेलीमेडिसिन ओपीडी में 24 घंटे परामर्श की सुविधा है। फोन नंबर 7275254509 पर कॉल या वीडियो कॉलिंग करके अपनी समस्या बता कर परामर्श ले सकते हैं।
अभी और बढ़ेगी उलझन
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मनोरोग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. गणेश बताते हैं कि इसको लेकर ब्रिटेन के इंटरनेशनल जर्नल ऑफ मेडिसिन ने 30 जुलाई को शोध प्रकाशित किया है। उसमें कहा गया है कि कोरोना से संबंधी मनोवैज्ञानिक समस्याएं अभी और बढ़ेंगी। वह बताते हैं कि लोग कोरोना की वजह से उलझन, घबराहट और जान चली जाने जैसी शिकायतें करते हैं।
उनके दिल और दिमाग पर कोरोना का डर घर कर गया है, जिससे कोरोना से संबंधी एंजाइटी अटैक पड़ रहा है। ऐसे लोगों के मन में कोई भी विचार आएं तो स्वजन को जरूर बताएं। घरवालों की जिम्मेदारी बनती है कि उनमें सकारात्मक सोच विकसित करें। उन्हें जागरूक करने के साथ ही समझाएं भी। कोरोना के लक्षण एवं जटिलताओं से भी अवगत कराएं।