गोरखपुर में सभी शराब की दुकानें सोमवार सुबह से साढ़े 10 बजे से खुल गईं। दुकानें खुलने न खुलने को लेकर रविवार से ही ऊहापोह की स्थिति थी। रविवार रात को डीएम के कामन दिशा निर्देश में इस बात का उल्लेख था कि लॉकडाउन 3.0 में कोई नई छूट नहीं दी जाएगी, अर्थात शराब की दुकानें भी नहीं खुलेंगी।
लेकिन मदिरा प्रेमियों की उम्मीदें कायम रहीं और लोग उम्मीद लगाए बैठे रहे कि गोरखपुर ऑरेंज जोन में है इसलिए कुछ राहत जरूर मिलेगी। लोगों को उम्मीद थी कि सोमवार को शराब की दुकानें खुलेंगी और उनकी उम्मीद पूरी हो गई और डीएम ने सुबह दुकानें खोलने का आदेश जारी कर दिया।
दुकानें खोलने का आदेश सुबह करीब दस बजे के आसपास जारी हुआ लेकिन दुकानों पर आठ बजे से ही लाइन लग गई थी। कई दुकानों पर दोपहर तक ही स्टॉक खत्म हो गया।
दुकान पर बैठने वाले विक्रेताओं को मास्क व ग्लब्स लगाने का निर्देश दिया गया है। हालांकि शहर की तमाम दुकानों पर इसका अनुपालन नहीं हो सका है। इसके अलावा दुकान पर एक साथ पांच व्यक्ति से अधिक नहीं जाने का निर्देश था, लेकिन लोगों ने शारीरिक दूरी की अनदेखी करके शराब की खरीददारी की।
लॉकडाउन के दौरान दुकानों से अवैध रूप से शराब बेंचे जाने को लेकर आबाकारी विभाग ने जिले की सभी शराब की दुकानें सील करा दी थी। 12 माडलशॉप समेत जिले में कुल 513 शराब की दुकानें हैं।
जिलाधिकारी के.विजयेंद्र पाण्डियन द्वारा आदेश मिलने के बाद सुबह 10 बजे से ही शराब की दुकानों से सील हटना शुरू हो गया। दुकानें सुबह 10 बजे सायं 7 बजे तक विभिन्न शर्तों के साथ खोलने का निर्देश दिया गया है।
इसमें ग्राहक व विक्रेता दोनों को इन शर्तों का पालन करना होगा। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए शराब की दुकानों के बाहर छह-छह फिट पर गोले बनाने का निर्देश दिया गया है, पर गोले एक-एक मीटर की दूरी पर बनाए गए।
शराब के शौकीनों ने इसके बाद भी शारीरिक दूरी का पालन नहीं किया। ग्राहक शारीरिक दूरी अपनाने के लिए इन गोलों में खड़े रहेंगे। सभी को मास्क पहनना होगा। दुकानों पर सैनिटाइजर रखना होगा।
हालांकि दुकानों पर लोग इसका पालन करते नहीं दिखे। तमाम दुकानों पर दुकान खुलने के पहले ही लोग पहुंच गए थे। दुकान खुलते ही लोगों में होड़ लग लगी। अपवाद छोड़ दिया जाए तो अधिकांश ऐसे व्यक्ति रहे जिसने कई बोतल शराब खरीदी। यहां तक कि लोगों ने बिना मास्क पहने शराब की खरीददारी की। जिला आबकारी अधिकारी वीपी सिंह का कहना है कि दुकानें तमाम नियमों के साथ खोली गई हैं। विक्रेता व ग्राहक दोनों से नियमों का पालन कराया जा रहा है।
जिले में 15 शराब की दुकानें ऐसी हैं जिन दुकानों का नवीनीकरण नहीं हो सका है। यह दुकानें भी एक सप्ताह के लिए स्टॉक क्लीयर करने के लिए खोली जाएंगी। एक सप्ताह बाद शराब का जो स्टॉक बचेगा। उसे नियमानुसार नष्ट किया जाएगा।
देवरिया में दुकानों के खुलते ही शौकीनों की भीड़ उमड़ पड़ी। हालांकि शराब के शौकीन तपती धूप में भी शारीरिक दूरी का पालन करते हुए नजर आए। दुकानों पर सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस कर्मियों की भी तैनाती रही।
एक दिन पहले ही शराब की दुकानों के खुलने की सूचना लोगों को मिल गई थी। शहर के कचहरी रोड स्थित अंग्रेजी शराब की दुकान पर सुबह आठ बजे से ही लोगों की भीड़ उमड़ गई। सेल्समैन ने पहले ही वहां शारीरिक दूरी का पालन करने के लिए गोला खींच रखा था।
यहां सुबह दस बजे दुकान खुलने के पहले ही 45 लोग खड़े हो गए थे। यही हालत रुद्रपुर मोड़ स्थित माॅडलशाप पर भी देखने को मिला। इसके अलावा शहर के सीसी रोड स्थित मॉडलशाप, अंग्रेजी शराब की दुकान, मालवीय रोड, स्टेशन रोड पर भी लोगों की भीड़ देखी गई। जनपद में कुल पांच माॅडलशाप, 161 देसी शराब, 83 बीयर व 83 अंग्रेजी शराब की दुकानें है। यह सभी दुकानें खोल दी गई।
सदर क्षेत्र में तीन जगहों पर मॉडलशाप है, जिसमें शहर के सीसी रोड, भटवलिया, गोपालपुर शामिल है। जबकि सलेमपुर उपनगर में क्रय विक्रय समिति के समीप व एक रुद्रपुर कस्बा में मॉडलशाप की दुकान हैं। जबकि मालवीय रोड, कचहरी चौराहा, स्टेशन रोड में अंग्रेजी शराब की दुकान है।
देवरिया में एक बार भी है, जहां शराब पिलाने की व्यवस्था है। शहर के रेलवे स्टेशन रोड स्थित इस बार को खोलने की अभी अनुमति शासन ने नहीं दी है।
शराब की दुकानों के खुलते ही कुछ जगहों से अधिक दाम लेने की शिकायत आबकारी विभाग को मिलने लगी। यूपी-बिहार बार्डर के अलावा शहर के एक मॉडलशाप व एक अंग्रेजी शराब की दुकान से भी इस तरह की शिकायत मिली तो आबकारी विभाग की टीम जांच करने पहुंची। आबकारी अधिकारियों का कहना है कि अब शराब की दुकानें सुबह दस बजे से शाम सात बजे तक हर दिन खुलेंगी।