कोरोनवायरस के कहर से सीआरपीएफ ने इस साल कश्मीर में होली न मनाने का फैसला किया

देश भर में कोरोनवायरस की आशंका के मद्देनजर, सीआरपीएफ ने इस साल कश्मीर में होली न मनाने का फैसला किया है। घाटी में अब तक कोरोनोवायरस के किसी भी मामले का पता नहीं चला है, लेकिन श्रीनगर के अस्पताल में आइसोलेशन पड़े वार्ड में रखे गए दो मरीजों के परिणाम का इंतजार है। दो रिपोर्ट नेगेटिव आई हैं।

आपको बता दें कि कोरोना वायरस को लेकर जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट कर दिया गया है। लखनपुर व काजीगुंड में दो पुलिस चौकियों की स्थापना की गई है। जहां बाहर से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी गई है।

चीन, ईरान, इटली, हांगकांग, मकाऊ, फ्रांस, फिलीपींस, थाइलैंड, मलेशिया, साउथ कोरिया, जापान, ताइवान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका से आने वाले यात्रियों पर विशेष नजर रखी जा रही है।

बुधवार को जर्मनी से आए दो पर्यटकों सहित दर्जन भर से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग लखनपुर में की गई। हालांकि इनमें किसी व्यक्ति में भी कोरोना वायरस के लक्षण नहीं पाए गए हैं।

सामान्य प्रशासनिक विभाग ने प्रदेश में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए सभी अधिकारियों की प्रशासनिक जिम्मेदारियां तय कर दी गई हैं। एनएचएम के मिशन निदेशक भूपेंद्र कुमार को ओवरॉल इंचार्ज बनाया गया है। वह स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग के वित्तीय आयुक्त की देखरेख में काम करेंगे।

इसके साथ डॉक्टर शफकत खान ओवरआल इंचार्ज की देखरेख में नोडल अधिकारी बनाए गए हैं। संभागीय स्तर पर मंडलायुक्त जम्मू और कश्मीर ओवरआल इंचार्ज होंगे।

वह स्वास्थ्य निदेशकों को सहयोग करेंगे। जिला स्तर पर जिला उपायुक्त इंचार्ज होंगे और वह मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को सहयोग करेंगे।

कश्मीर में कोरोना वाइरस से निपटने के लिए प्रशासन ने तैयारियां तेज की हैं। श्रीनगर के कई मुख्य अस्पतालों के साथ जिला अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड स्थापित किए गए हैं।

स्थानीय अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा रही है। हवाई अड्डों पर पर्याप्त संख्या में डाक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ , एंबुलेंस के साथ अन्य उपकरण स्थापित किए गए हैं।

सभी उड़ानों में यह घोषणा की जा रही है कि प्रत्येक यात्री एयरपोर्ट छोड़ने से पहले कोरोना वायरस हेल्प डेस्क पर जाकर अपनी यात्रा के बारे में जानकारी दें।

कोरोना वायरस के लक्षण वाले यात्रियों को तुरंत आइसोलेशन में भेजा जाएगा और हेल्प डेस्क को उच्चाधिकारियों को हर घंटे में स्थिति के बारे में जानकारी दी जा रही है।

श्रीनगर के लाल चौक में स्थित प्रेस कालोनी में बुधवार को कुछ अभिभावकों ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर ईरान में फंसे उनके बच्चों को वापस लाने की मांग की। उन्होंने सरकार से कहा कि ईरान में सभी युवाओं को सुरक्षित वापस लाने के लिए उचित इंतजाम करने को कहा।

एक अभिभावक ने बताया कि उनका बेटा ईरान के शिराज में पढ़ता है, लेकिन वहां के प्रशासन ने कोरोना वायरस के चलते ईरान से हवाई संपर्क काट दिया है तो उनका वापस लौटना संभव नहीं हो रहा है।

उन्हें खानपान में भी दिक्कत आ रही है और वे हास्टल से बाहर नहीं आ पा रहे हैं। बता दें कि जम्मू कश्मीर के करीब 2000 लोग ईरान में फंसे हुए हैं जिनमें से करीब 250 छात्र हैं जो मशद, किरमान, तेहरान, कोम आदि शहरों में फंसे हुए हैं।

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