कॉमेडी के लिए देखा जा सकता है घिसी-पीटी कहानी है ‘झूठा कहीं का’

एक झूठ को छिपाने के लिए सौ झूठ बोलने पड़ते है और ये झूठ कितनी मुसीबत और कन्फ्यूजन पैदा करते हैं. असल में ऐसा होता ही होगा, लेकिन जब फिल्मों में ये होता है तो एक कॉमेडी का रूप ले लेता है. ऐसी ही स्टोरी लाइन है निर्देशक समीप कंग निर्देशित ‘झूठा कहीं का’ की जो हाल ही में रिलीज़ हुई है. चलिए जानते हैं क्या रहा पब्लिक रिव्यु. 

कलाकार : ऋषि कपूर, जिमी शेरगिल,ओमकार कपूर, सनी सिंह, लिलेट दुबे, राजेश शर्मा, निमिषा मेहता, रुचा वैद्य, मनोज जोशी

निर्देशक : समीप कंग

मूवी  टाइप : Comedy 

अवधि : 2 घंटा 13 मिनट

रेटिंग : 2.5/5

कहानी: फिल्म की कहानी दो दोस्तों पर आधारित है, ये दोस्त हैं वरुण (ओमकार कपूर) और करण (सनी सिंह). दोनों मॉरीशस में रहते हैं. वरुण का पिता योगराज सिंह (ऋषि कपूर) पंजाब में रहने वाला रिटायर पुलिसवाला है, जो अपने साले (राजेश शर्मा) और उसकी बीवी के साथ रहता है. वरुण मॉरीशस में ही अपना फ्यूचर बनाना चाहता है. वहां उसे रिया (निमिषा मेहता) से प्यार हो जाता है. निमिषा को पाने के लिए वह अपने अनाथ होने का नाटक करता है, मगर उस वक्त मुसीबत में पड़ जाता है, जब उसका पिता योगराज सिंह पूरे परिवार के साथ मॉरिशस में उसी घर का किरायेदार बनकर आ जाता है. यहां वह रिया की मां रुचि मेहता (लिलिट दुबे) और अपाहिज पिता (मनोज जोशी) के साथ रहता है. अपने झूठ को छिपाने के लिए वह अपने दोस्त करण को रिया का पति बताता है. वहीं करण रुचा वैद्य से प्यार करता है. उधर करण ने अपनी प्रेमिका को अपने भाई टॉमी पांडे (जिमी शेरगिल) के लंदन में होने का झूठ बोला है, जबकि उसका भाई फ्रॉड के केस में जेल में है. इसके बाद दोनों ही दोस्त झूट में फंसते जाते हैं. 

रिव्यू: निर्देशक समीप कंग की यह फिल्म उन्हीं की ब्लॉकबस्टर पंजाबी फिल्म ‘कैरी ऑन जट्टा’ की रीमेक है. फिल्म में कॉमिडी ऑफ एरर्स की भरमार है. हंसी के लिए कन्फ्यूजन भी बहुत ज्यादा ही क्रिएट कर दिया गया है, मगर कमजोर स्क्रीनप्ले के कारण कहानी पकड़ नहीं बना पाती. इसके अलावा फिल्म में कई डायलॉग्ज ऐसे हैं जो औरतों की गरिमा को ठेस पहुंचा सकते हैं. कॉमिडी के कुछ पंच जरूर हैं, जो हंसाते हैं और क्लाइमेक्स मनोरंजक है. 

एक्टिंग : सीनियर ऐक्टर ऋषि कपूर इन दिनों न्यू यॉर्क में कैंसर का इलाज करवा रहे हैं, मगर इसमें कोई दो राय नहीं कि अभिनय के मामले में वे फिल्म का आधार स्तंभ साबित हुए हैं. राजेश शर्मा ने उनके साथ ऐक्शन-रिऐक्शन की अच्छी जुगलबंदी पेश की है. फिल्म के नायक ओमकार कपूर और सनी सिंह ने ठीक-ठाक काम किया है. मध्यांतर के बाद एंट्री मारनेवाले टॉमी पांडे की भूमिका में जिमी शेरगिल ने खूब हंसाया है. उन्होंने अपनी भूमिका के साथ पूरा न्याय किया है. 

वहीं रिया के रूप में निमिषा मेहता खूबसूरत लगी हैं, मगर रुचा वैद्य को ज्यादा स्क्रीन स्पेस नहीं मिल पाया है. अन्य किरदारों में लिलेट दुबे, मनोज जोशी, राकेश बेदी ने अच्छा काम किया है. कई संगीतकारों की मौजूदगी के बावजूद सिर्फ ‘सैटरडे नाइट’ गाना औसत बन पाया है. 

क्यों देखें: कॉमिडी के शौकीन इस फिल्म को देख सकते हैं. 

क्यों न देखें : फिल्म की कहानी में कुछ नया नहीं है, एक्टर लड़की के प्यार में झूठ बोलते जाते हैं जो कई फिल्मों में बताया  गया है. 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com