केंद्र ने निकाला जल विवाद का हल: हरियाणा को आठ दिन मिलेगा इतना अतिरिक्त पानी

भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड द्वारा हरियाणा को नहरी पानी देने के मुद्दे पर शुक्रवार को सियासत गरमा गई। पंजाब सरकार ने साफ कर दिया कि 21 मई से पहले वह हरियाणा को अतिरिक्त पानी नहीं देगा। वहीं हरियाणा ने इसे अपना हक बताया। इसके बाद केंद्र ने तत्काल बैठक बुलाकर मामले को सुलझा लिया।

केंद्र सरकार ने हरियाणा और पंजाब के बीच चल रहे भाखड़ा जल विवाद का हल निकाल दिया है। केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में दिल्ली में हुई बैठक में केंद्र ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) को उसके प्रस्ताव के अनुसार हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने को कहा है।

इस प्रस्ताव के अनुसार हरियाणा को अगले आठ दिनों तक 4500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी दिया जाएगा। इसमें से थोड़ा पानी राजस्थान को भी जाएगा। इसके बदले में बीबीएमबी पंजाब को भी जरूरत पड़ने पर उसकी अतिरिक्त आवश्यकता को पूरा करने के लिए पानी उपलब्ध कराएगा। हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने की रूपरेखा तैयार करने के लिए बीबीएमबी ने शनिवार को बोर्ड की बैठक बुलाई है।

पूरे दिन बनती रही रणनीति
शुक्रवार को दोनों राज्यों की सरकारें पानी को लेकर अपनी-अपनी रणनीति बनाती रहीं। हरियाणा सरकार ने पानी न मिलने पर सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है। राज्य की सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी ने बताया कि सरकार दस्तावेज तैयार करा रही है। सरकार पानी से संबंधित सभी तथ्य सुप्रीम कोर्ट में रखेगी। वहीं, सैनी सरकार ने इस मामले में शनिवार को सर्वदलीय बैठक बुला ली है।

पंजाब सरकार ने भी इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई। इसमें सभी दलों ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के फैसले का समर्थन किया। बैठक में निर्णय लिया गया कि सोमवार को इस मुद्दे पर पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के बाद सभी दलों का प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेगा, ताकि सालों से पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के बीच चले आ रहे इस जल विवाद का ठोस हल निकाला जा सके।

कपास की बिजाई का दिया हवाला
दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव की ओर से बुलाई गई बैठक में हरियाणा की ओर से मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी और गृह व वित्त सचिव सुमिता मिश्रा शामिल हुईं। हरियाणा ने मजबूती से पक्ष रखते हुए 8500 क्यूसेक पानी की मांग दोहराई। इसके पीछे तर्क दिया गया कि इस समय राज्य में पेयजल संकट चल रहा है। कपास की बिजाई का समय है। केंद्र ने नंगल बांध में ताला लगाने और पुलिस का पहरा लगाने पर पंजाब के मुख्य सचिव के समक्ष आपत्ति जताई और तत्काल पुलिस का पहरा हटाने को कहा। भाखड़ा से हरियाणा को अभी 4000 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है। इसमें से 800 क्यूसेक राजस्थान, 500 क्यूसेक दिल्ली और 400 क्यूसेक पानी पंजाब को भी जाता है। हरियाणा 8500 क्यूसेक पानी मांग रहा है।

आज हरियाणा निवास में होगी सर्वदलीय बैठक
हरियाणा सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक शनिवार दोपहर दो बजे हरियाणा निवास में होगी। इसमें भाजपा, कांग्रेस, इनेलो, आप, बसपा, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया और नेशनल पीपुल्स पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों को बुलाया गया है।

पंजाब विशेष सत्र में लाएगा बीबीएमबी समझौते और नियमों में बदलाव का प्रस्ताव
भाखड़ा जल विवाद पर पंजाब सरकार ने पांच मई को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने इसकी मंजूरी दे दी है। इस विशेष सत्र में बीबीएमबी के समझौते, नियमों और अन्य पहलुओं में बदलाव को लेकर प्रस्ताव लाया जाएगा। सीएम ने कहा कि शनिवार शाम को विशेष सत्र का एजेंडा सभी राजनीतिक दलों के साथ साझा कर दिया जाएगा और सत्र में सभी को राज्य के पानी के मुद्दे को लेकर अपना पक्ष रखने के लिए विधानसभा में बोलने का पूरा समय दिया जाएगा।

पंजाब को जरूरत पड़ी तो हम अपना पानी देंगे : सीएम
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शुक्रवार को कहा कि पंजाब के नेताओं को इस प्रकार की घटिया राजनीति नहीं करनी चाहिए। पंजाब गुरुओं की धरती है और हम गुरुओं को प्रणाम करते हैं। वे पंजाब की आवाम के हित में काम करें। हरियाणा भी पंजाब का हिस्सा रहा है और वहीं से अस्तित्व में आया है। इस प्रकार की घटिया स्तर की राजनीति किसी के लिए ठीक नहीं है।

उन्होंने कहा मैं हरियाणा का मुखिया होने के नाते कहता हूं कि अगर पंजाब के लोगों को पीने के पानी की आवश्यकता पड़ती है तो हम ट्यूबवेल लगाकर अपनी जमीन का पानी निकालकर पंजाब के लोगों को पिलाने का काम करेंगे। पंजाब के किसी व्यक्ति को हम प्यासा नहीं रहने देंगे, यह मेरी गारंटी है। पिछला रिकॉर्ड देख लें, जो पानी हरियाणा को पहले से मिलता आ रहा है, हम केवल उसी की बात कर रहे हैं। हम एसवाईएल के भी उसी पानी की मांग कर रहे हैं, जो हमारा समझौता हुआ है और इस पर ही सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि ये हमारा हक है।

पंजाब का पानी छीनने का बीबीएमबी का कदम निंदनीय : मान
भगवंत मान ने कहा कि मानवता के आधार पर उन्होंने हरियाणा को 4 हजार क्यूसेक अतिरिक्त पानी उपलब्ध कराया, लेकिन 27 अप्रैल को उन्होंने 8500 क्यूसेक पानी की मांग की। अगर वह इस मांग को पूरा करते तो वह पंजाब के हकों का हनन होता। जिस तरह बीबीएमबी ने रातोंरात फैसला लेकर पंजाब का पानी जबरन छीनने का कदम उठाया, वह निंदा योग्य है। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा बीबीएमबी में पंजाब के अधिकारियों में से नियुक्त सदस्य (पावर) को हटाकर पंजाब को कमजोर करने की भी निंदा की।

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