सतना-मानिकपुर रेलखंड में चितहरा व मझगवां के बीच घूम रहे बाघ-बाघिन व उसके दो शावक अब रानीपुर वन्य जीव बिहार के कुसमुही जंगल पहुंच गए हैं। इसकी जानकारी सोमवार रात उस वक्त हुई जब बाघ परिवार ने दो बैलों का शिकार किया। इस घटना के बाद से आसपास गांव में ग्रामीणों में दहशत का आलम है, वहीं वन विभाग के अफसरों ने सर्चिंग शुरू कर दी है।
मुंबई-हावड़ा रेलवे ट्रैक पर चितहरा व मझगवां के बीच पिछले कई दिनों से बाघ-बाघिन और दो शावकों की चहलकदमी है। इसी कारण पिछले एक सप्ताह से रेलमार्ग पर 30 किमी के दायरे में टे्रनें धीमी गति से सीटी देते हुए गुजारी जा रही हैं। रविवार को बाघ नजर न आने पर वन विभाग ने पन्ना टाइगर रिजर्व लौटने की आशंका जताई थी। हालांकि सोमवार रात बाघ, बाघिन और दोनों शावक कुसमुही के जंगल में पहुंच गए और किसान राम खेलावन के बैलों पर हमला कर दिया। इसमें एक बैल की मौत हो गई और उससे भूख मिटाने के बाद बाघ परिवार जंगल की ओर बढ़ गया।
घटना के बाद से ग्रामीणों में दहशत है और दूसरे घायल बैल का उपचार शुरू कराया गया है। वन विभाग के अफसरों ने मानिकपुर के रानीपुर वन्य जीव विहार के पास जंगलों में बाघ परिवार की मूवमेंट को लेकर सर्चिंग बढ़ाई है। हालांकि वन विभाग का कहना है कि घबराने की बात नहीं है, बाघ का कुनबा जंगलों की तरफ बढ़ रहा है। रानीपुर वन्य जीव विहार के प्रतिपालक जीडी मिश्रा ने बताया कि विभागीय टीम लगातार सर्च कर रही है। लोगों को जंगल की तरफ नहीं जाने की हिदायत दी जा रही है।