अपहरण की झूठी कहानी बनाकर पुलिस को फेक कॉल करने वाले एक शख्स को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। आरोपी शिवकुमार गौतम ने वसई (पूर्व) में मुंबई-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर तुंगारेश्वर फाटा के पास से पुलिस को फेक कॉल किया था। अपहरण की सूचना देने के बाद युवक ने अपना सेल फोन ऑफ कर लिया था। कई जगह तलाशने के बाद भी जब पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला तो टीम युवक के घर पहुंची, वहां जो नजारा पुलिस ने देखा वह चौका देने वाला था।
जानकारी के अनुसार, गौतम ने सहायक पुलिस निरीक्षक विनोद जाधव को बताया कि कुछ लोगों ने उनका अपहरण कर लिया है। अपहरण कर बदमाशों ने उसे किसी अज्ञात जगह पर रखा है। अपने सेल फोन से कॉल करने के बाद गौतम ने उसे बंद कर दिया।
पुलिस को नहीं मिला कोई सुराग
कॉल के फौरन बाद गौतम की तलाश में पुलिस अधिकारियों की एक टीम तुंगारेश्वर फाटा पहुंची। टीम उस स्थान पर पहुंच गई, जहां से गौतम ने उन्हें कॉल कर अपहरण की कहानी सुनाई थी। टीम ने संबंधित स्थान पर मौजूद दुकानदार और स्थानीय निवासियों से पूछताछ की गई, लेकिन गौतम के बारे में कोई सुराग नहीं मिला।
गहरी नींद में घर पर सो रहा था गौताम
शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में गौतम की तलाश कर रही पुलिस को जब कहीं से कोई सुराग नहीं मिला तो टीम ने गौतम के आवासीय पते पर पहुंचकर परिवार से पूछताछ करने की योजना बनाई। पुलिस टीम 4 जनवरी की सुबह गौतम के वसई फाटा स्थति आवास पर पहुंची। वहां से पुलिस को जो जानकारी मिली वह हैरान कर देने वाली थी, क्योंकि गौतम उस वक्त अपने घर पर ही गहरी नींद में सो रहा था। पुलिस को घर पर देख गौतम के होश उड़ गए और वह परेशान हो गया। पुलिस द्वारा पूछताछ किए जाने पर गौतम ने बताया कि, उसने सिर्फ मनोरंजन के लिए फेक कॉल की थी। उसे उम्मीद नहीं थी कि पुलिस उसके फेक कॉल को इतनी गंभीरता से लेगी और उसकी तलाश में घर तक पहुंच जाएगी।
पुलिस ने गौतम को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 182 के तहत गलत सूचना देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। अदालत ने पब्लिक सर्वेंट के पावर को गलत इस्तेमाल करने के जुर्म में एक हजार का जुर्माना लगाया है। बता दें कि, इससे पहले 24 दिसंबर को वसई निवासी सतीश दुबे (35) ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजयकांत सागर को एक मर्डर के बारे में सूचना दी थी। यह एक फेक सूचना थी, जिसके बाद पुलिस ने दुबे को गिरफ्तार कर 28 दिसंबर को एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था।