नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज किडनी ट्रांसप्लांट के बाद अब आईसीयू से बाहर आ गई हैं। सुषमा दिल्ली के एम्स अस्पताल के प्राईवेट वॉर्ड में आराम कर रहीं हैं। शायद यह पहली बार है जब किसी नेता के स्वास्थ्य को लेकर अटकलें नहीं लगाई गईं क्योंकि सुषमा ने खुद अपनी बीमारी का पता चलते ही ट्वीट कर देश की जनता को बता दिया था कि उनकी किडनी का ट्रांसप्लांट होने वाला है।
सुषमा के अच्छे स्वास्थ्य के लिए पूरे देश ने लिए दुआएं मांगी और उनके शुभचिंतकों ने अपनी किडनी देने तक की पेशकश की। सुषमा के करीबी सूत्र बताते हैं कि किडनी ट्रांसप्लांट की खबर आते ही वो मंत्रालय की लंबित पड़ी फाइलें निपटाने में लग गई थीं। ऑपरेशन के ठीक एक दिन पहले तक सुषमा तमाम फाइलों को निपटाती रहीं। यहां तक की इस बीच मिस्र की एक महिला के डॉक्टर ने विदेश मंत्री को ट्वीट कर लिखा कि उन्हें ऑपरेशन के लिए भारत का वीजा नहीं मिल रहा, तो सुषमा स्वराज की वजह से ही उस महिला को 24 घंटे के अंदर वीजा मिल गया।
सूत्र बताते हैं कि अब आईसीयू से प्राइवेट वॉर्ड में शिफ्ट करने के बाद भी वो फाइलें और मंत्रालय के कामकाज देखने को बेचैन हैं। एक दो दिनों में वो अस्पताल से ही कामकाज शुरू कर देंगी। सुषमा के ट्वीटर के माध्यम से दुनिया भर में बसे भारतीयों की समस्या सुलझाने की अनूठी कार्यशैली को दुनिया भर में सराहा है।
ऑपरेशन के बाद ही सुषमा स्वराज को एक संस्था ने 2016 की फॉरेन पॉलिसी ग्लोबल थिंकिंग लिस्ट में शुमार किया है। इसमें हिलेरी क्लिंटन, एंजेला मॉर्केल, बान की मून जैसे नेताओं का नाम है। पीएम मोदी ने भी ट्वीट कर सुषमा को इसके लिए बधाई भी दी। अपने इस कार्यकाल में सुषमा स्वराज ने लो प्रोफाइल होकर विदेश नीति में अपनी अलग पहचान बनाई है। खासकर ट्विटर पर उनकी ये सेवा आने वाले सालों में ऐसी मिसाल साबित होगी जिसका अनुकरण करना आने वाली पीढ़ी के लिए खासा मुश्किल साबित होगा।