कासगंज हिंसा में खुफिया एजेंसियों ने कहा- इसमें विपक्षी दलों की है साजिश
कासगंज हिंसा में खुफिया एजेंसियों ने कहा- इसमें विपक्षी दलों की है साजिश

कासगंज हिंसा में खुफिया एजेंसियों ने कहा- इसमें विपक्षी दलों की है साजिश

एटा/लखनऊ। कासगंज में गणतंत्र दिवस पर जो कुछ हुआ वह सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा था या आकस्मिक, इस बारे में तस्वीर धीरे-धीरे साफ होने लगी है। हिंसा को लेकर शासन को भेजी गई खुफिया रिपोर्ट में बवाल के लिए कुछ विपक्षी नेताओं की ओर इशारा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार चंदन गुप्ता के हत्यारोपियों को स्थानीय नेताओं का संरक्षण प्राप्त है। दूसरी ओर ने प्रशासनिक नाकामी पर शासन ने भी कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है।कासगंज हिंसा में खुफिया एजेंसियों ने कहा- इसमें विपक्षी दलों की है साजिश

वहां हिंसा करने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में रविवार शाम प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार व पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह के साथ बैठक कर घटना की पूरी जानकारी ली और पूरे मामले में सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए। माना जा रहा है कि इस घटना को लेकर कुछ अधिकारियों पर जल्द ही कार्रवाई हो सकती है।

गणतंत्र दिवस के दिन हिंसा के कारणों का पता लगाने के लिए लखनऊ, कानपुर से खुफिया एजेंसियों के आलाधिकारी कासगंज में डेरा डाले हुए हैं। शासन को जो रिपोर्ट भेजी गई है, उसमें कुछ स्थानीय नेताओं के नामों का जिक्र है। मामले की तह तक जाने के लिए नामजद आरोपियों की पृष्ठभूमि भी खंगाली जा रही है। चंदन की हत्या करने वाले शूटर के रूप में वसीम जावेद की पहचान की गई है।

इसलिए यह जानने की कोशिश की जा रही है कि उसके संपर्क किन नेताओं से हैं और किस स्तर तक हैं। तलाशी के दौरान आरोपी के घर से एक पिस्टल भी मिली है। दरअसल हिंसा  को लेकर भाजपा और हिंदू संगठन बार-बार यह कह रहे हैं कि सुनियोजित तरीके से उपद्रव किया गया। स्थानीय सांसद राजवीर सिंह भी यह बयान जारी कर चुके हैं। कई सवाल भी उठाए जा रहे हैं कि पथराव में प्रयोग किए गए रेलवे लाइन के पत्थर उपद्रवियों के घरों तक कैसे पहुंच गए। तेजाब से भरी बोतलें, हथियारों का जखीरा होने जैसे जुबानी आरोप लगाए जा रहे हैं, पुलिस अधिकारी यह सब जांच का विषय बता बात को टाल देते हैं,

लेकिन सूत्रों का कहना है कि खुफिया तंत्र ने अपनी जांच का ब्लू प्रिंट लगभग तैयार कर लिया है और प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कुछ बातें साफ कर दी गई हैं। दूसरी ओर कासगंज में रविवार को शांति रही और अधिकारियों ने स्थिति नियंत्रित होने का दावा भी किया लेकिन, पूरे मामले में हुई चूक को लेकर मुख्यमंत्री गंभीर हैं। अधिकारियों के साथ हुई उनकी बैठक के बाद माना जा रहा है कि घटना में हुई लापरवाही का ठीकरा वहां के एसपी सुनील कुमार सिंह पर फूट सकता है। मुख्यमंत्री के साथ बैठक में उनके प्रमुख सचिव शशि प्रकाश गोयल भी मौजूद रहे।

इससे पहले पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने बताया कि कासगंज में हिंसा  फैलाने वालों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई होगी। वहां तलाशी में लोगों के घरों से बम व पिस्टल मिले हैं। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कासगंज में स्थिति अब सामान्य हो रही है। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि पुलिस प्रदेश के लोगों को सुरक्षा देने में सक्षम है। प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार और डीजीपी ने रविवार को भी कासगंज मामले की कई बार जानकारी ली। उन्होंने यहां से भेजे गए पुलिस मुख्यालय के अधिकारी डीके ठाकुर से भी बात की। 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com