एजेंसी/ जनगणना विभाग की ओर से दी गई ताजा जानकारी के मुताबिक, देश में नॉन वर्कर्स (काम नहीं करने वालों) की लिस्ट में सबसे ज्यादा मुस्लिम हैं। मंगलवार (08 जून) को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, देश में मुस्लिमों की कुल जनसंख्या 17.22 करोड़ है। इनमें से 11.61 करोड़ को नॉन वर्कर्स की सूची में रखा गया है। यानी कुल मुस्लिमों की कुल आबादी में 67.42 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जिन्हें जनगणना विभाग नॉन वर्कर्स मानता है।
जनगणना विभाग नॉन वर्कर्स की सूची में उन लोगों को रखता है, देश की अर्थव्यवस्था को बनाए रखने में कोई योगदान नहीं देते। इसमें बेराजगारी, घर पर काम करने वाले और खेती करने वाले लोगों को शामिल किया जाता है।
भारत की कुल जनसंख्या 121.02 करोड़ है। इसमें कुल 72.89 करोड़ लोगों को नॉन वर्कर्स कैटेगरी में रखा गया है। यह कुल जनसंख्या का 60 प्रतिशत है। इस लिस्ट में मुस्लिमों के बाद दूसरे नंबर पर जैन धर्म के लोग आते हैं। इस समुदाय के 29 लाख लोग देश की अर्थव्यवस्था में कोई योगदान नहीं देते। इसके बाद सिख समुदाय के लोगों का नंबर आता है, जिसके 63.76%, हिंदू 58.95%, ईसाई 58.09%, बौद्ध 56.85% और अन्य धर्म के 51.50% लोग अर्थव्यवस्था में कोई योगदान नहीं देते।
यह आकंड़ा चिंता का विषय इसलिए है, क्योंकि साल-दर-साल यह आकंड़ा बढ़ता ही जा रहा है। 2001 से 2011 के बीच नॉन वर्कर्स कैटेगरी में कुल आबादी 102.8 करोड़ थी और 60.88 प्रतिशत लोग नॉन वर्कर्स कैटेगरी में थे। अब जनसंख्या 121.02 करोड़ है और 72.89 करोड़ को नॉन वर्कर्स की सूची में रखा गया है।