एजेंसी/नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के बाद कांग्रेस नेता और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा 12 मार्च को बुलाई गई बैठक में राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की उपस्थिति में पंजाब चुनावों के लिए अपनी योजनाओं पर मंथन करेंगे।पार्टी सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस बीते एक दशक से पंजाब में सत्ता से बाहर है और राहुल चाहते हैं कि ‘बुरा दौर’ खत्म हो। सत्तारूढ़ अकाली दल-भाजपा गठबंधन के अलावा पार्टी को ‘आप’ की चुनौती का सामना करना है।
राहुल ने लगातार दो हारों के बाद अब जीत हासिल करने की रणनीति बनाने के लिए पंजाब के नेताओं के साथ चर्चा के लिए बैठक बुलाई है। पिछली हार के लिए एआईसीसी ने राज्य नेतृत्व के ‘अतिआत्मविश्वास’ को जिम्मेदार ठहराया था।
कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि एआईसीसी ने अगले साल महत्वपूर्ण चुनावों के लिए पार्टी की रणनीति तैयार करने के लिए उत्तर प्रदेश और पंजाब इकाइयों की मदद के लिए किशोर को जिम्मेदारी सौंपी है। किशोर ने आम चुनावों में नरेंद्र मोदी नीत भाजपा और बिहार विधानसभा चुनावों में जदयू राजद कांग्रेस गठबंधन की जीत में अहम भूमिका निभाई थी।
यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब प्रदेश कांग्रेस नेता आप नेता अरविंद केजरीवाल की आक्रामक प्रचार योजना और कार्यकर्ताओं के जरिये मतदाताओं तक पहुंचने की उनकी रणनीति से लगातार सावधान हो रहे हैं। किशोर ने बिहार चुनावों में कार्यकर्ताओं का असरदार तरीके से प्रयोग किया था।
कहा जा रहा है कि किशोर शुरूआती सर्वेक्षण कर चुके हैं और वह इस बारे में इनपुट लेकर आएंगे कि कांग्रेस को कई निराशाजनक हार मिलने के बाद राज्य में क्या करने की जरूरत है। कांग्रेस ने इन चुनावों में पंजाब पीसीसी प्रमुख अमरिंदर सिंह को पार्टी का ‘चेहरा’ घोषित किया है।
राहुल ने पिछले सप्ताह यहां उत्तर प्रदेश के कांग्रेसी नेताओं के साथ बैठक की थी जिसमें किशोर मौजूद थे। इसमें गहन चर्चा हुई कि राजनीतिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में चीजों को कैसे बदला जाए। कहा जा रहा है कि पंजाब और उत्तर प्रदेश में अच्छे नतीजे आने पर किशोर को नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में पार्टी द्वारा लगाया जा सकता है।