महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोशियारी द्वारा सरकार बनाने का निमंत्रण मिलने के बाद से NCP को अभी तक कांग्रेस का समर्थन पत्र नहीं मिला है। एनसीपी नेता अजित पवार से इस बारे में जब पत्रकार ने सवाल किया तो उन्होंने कांग्रेस पर ही हमला बोल दिया। पत्रकार ने पूछा, कांग्रेस का आरोप है कि एनसीपी के कारण महाराष्ट्र में फैसला लेने में देरी हो रही है? इस पर अजित पवार ने मराठी में कहा कि, ‘ लाज वाटते है का’ इसका हिंदी में अर्थ होता है शर्म आती है क्या?
इसका मतलब स्पष्ट है एनसीपी, कांग्रेस पार्टी की देरी को लेकर आक्रोशित है। इसका सीधा सा मतलब ये भी होता है कि देरी एनसीपी की ओर से नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी की ओर से की जा रही है और ठीकरा एनसीपी के सिर पर फोड़ा जा रहा है जो सही नहीं है। अजीत पवार मे मीडिया से बात करते हुए कहा है कि, ‘राज्यपाल ने सभी विधायकों के नाम, उनका क्षेत्र और उनका हस्ताक्षर मांगे हैं, जो इतने कम समय मे संभव नही हैं।
पवार ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी की महाराष्ट्र इकाई फैसला ले ले और उसके बारे में हाईकमान को फोन पर बात दें। ऐसा करके भी बातचीत हो सकती हैं। यदि राष्ट्रपति शासन लागू हो भी जाता है, उसके बाद जब भी हमारे पास 145 का आकड़ा होता है, हम गवर्नर के पास जाएगे और सरकार बनाने का दावा पेंश करेगे। एनसीपी की पूरी तैयारी है , बस कांग्रेस पार्टी की ओर से समर्थन पत्र नही आया । कांग्रेस पार्टी में अभी भी मंथन का दौर जारी है।’