दिल्ली के लोग भी इसमें सहभागी बनेंगे। बिजली उपभोक्ताओं से अपील की गई है कि 22 मार्च की रात 8:30 से 9:30 बजे के बीच स्वेच्छा से अपने घरों व कार्यस्थलों की गैरजरूरी लाइट्स व बिजली उपकरणों को बंद रखें।
जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर हर साल की तरह इस साल भी अर्थ ऑवर शनिवार को दुनियाभर में मनाया जाएगा। दिल्ली के लोग भी इसमें सहभागी बनेंगे। बिजली उपभोक्ताओं से अपील की गई है कि 22 मार्च की रात 8:30 से 9:30 बजे के बीच स्वेच्छा से अपने घरों व कार्यस्थलों की गैरजरूरी लाइट्स व बिजली उपकरणों को बंद रखें। बिजली कंपनी बीएसईएस व टाटा पॉवर ने खुद भी अपने 400 से अधिक कार्यालयों में अर्थ आवर के दौरान गैर जरूरी लाइट्स को ऑफ रखने का निर्णय लिया है।
पिछले वर्षो में अर्थ आवर के दौरान दिल्लीवालों ने बड़े पैमाने पर बिजली बचाई। पिछले साल एक घंटे में 206 मेगावॉट बिजली की बचत हुई थी। बीएसईएस उपभोक्ताओं ने 130 मेगावॉट बिजली की बचत की वहीं एनडीपीएल ने 70 मेगावॉट बचत करके उल्लेखनीय योगदान दिया था। अर्थ आवर डब्लूडब्लूएफ (वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर/ वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड) का सालाना कार्यक्रम है, जिसके तहत दुनियाभर के लोगों से अपील की जाती है कि वे जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए अपने घरों और कार्यस्थलों पर गैरजरूरी लाइट्स और बिजली चालित उपकरणों को तय समय के दौरान बंद रखें।
बीएसईएस का कहना है कि अपने घरों की बिजली को स्विच ऑफ करें और इंसानों के रहने लायक पृथ्वी में निवेश करें। धरती और आने वाली पीढ़ियों के लिए सही कदम उठाएं। लोग प्राकृतिक दुनिया की रक्षा कर बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण पृथ्वी की स्थिति को लेकर चिंता बढ़ गई है। अचानक से बदलने वाला मौसम, अप्रत्याशित तापमान इसी संकट की ओर इशारा करते हैं।
ऐसे में जरूरी है कि हम अपव्ययी आदतों को छोड़कर ऐसी जीवनशैली अपनाएं जो धरती के अनुकूल हो। अर्थ आवर इसी दिशा में एक कदम है। डब्लूडब्लूएफ इंडिया के प्रवक्ता के अनुसार भारत अपना 15वां अर्थ आवर सेलिब्रेट कर रहा है। दिल्ली के लोगों के बीच अर्थ आवर के बारे में बीएसईएस जागरूकता फैला रहा है जो सराहनीय है।