प्रयागराज में चल रहा कुंभ मेला इस बार भी अनूठी छटा बिखेर रहा है. यहां विदेशियों से लेकर अखाड़ों में संत अपनी अलग ही दुनिया में खोए हैं. खास बात ये है कि इस बार 13 नहीं बल्कि 14 अखाड़े कुंभ में आए हैं. 14वें अखाड़े में ही आई है वो महामंडलेश्वर जो पहले मुसलमान बन गई थी. आइए जानें क्या हुआ कि वो दोबारा हिन्दू बन गई.
कुंभ में जो 14वां अखाड़ा पहुंचा है वो किन्नर अखाड़ा है जिसको पहली बार मान्यता दी गई है. इसी अखाड़े की स्थापना करने वाली किन्नर का नाम मां भवानी है. दिल्ली में जन्मी भवानी को पहले पता ही नहीं था कि वो किन्नर हैं. हालांकि 13 साल की उम्र में उनको ज्ञान हुआ तो उन्होंने घर छोड़ दिया था.
भवानी ने साल 2011 में हिन्दू धर्म छोड़कर इस्लाम अपना लिया था और मुसलमान बन गई थी. वो शबनम बन गई थी. मुस्लिम धर्म का पूरी तरह पालन करती थी. उन्होंने रोजे भी रखे और नमाज भी पढ़ी. इतना ही नहीं वो हज की यात्रा पर भी जा चुकी हैं.
इसके बाद साल 2014 में जब कोर्ट ने तीसरे जेंडर के रूप में किन्नरों को भी मान्यता दे दी तो उन्होंने उसी रूप में जीने की ठानी जो उनको मिला है. इसके बाद वो वापस हिन्दू बन गईं और अपना नाम भवानी रख लिया.