यूं तो आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और नीतीश कुमार का नाम लेने से बरबस पिछले साल अप्रैल में बिहार के मुख्यमंत्री का वो बयान याद आ जाता है जब उन्होंने संघ मुक्त भारत बनाने का आह्वान किया था. लेकिन बिहार में महागठबंधन टूटा, सत्ता का समीकरण बदला और अब मोहन भागवत और नीतीश बुधवार को एक ही कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे.
ये कार्यक्रम है बिहार के भोजपुर जिले के चंदवा में धर्म संसद का समापन समारोह. ये कार्यक्रम रामानुज आचार्य के 1000वें जन्म उत्सव के अवसर पर आयोजित किया गया है. इस अवसर पर पिछले कई दिनों से वहां एक यज्ञ हो रहा है और बुधवार को उसका समापन समारोह है. जिला प्रशासन के अनुसार नीतीश हेलीकॉप्टर से जाएंगे और पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव उनके साथ जाएंगे. नंदकिशोर ने इस कार्यक्रम में दोनों नेतओं की उपस्थिति की पुष्टि करते हुए कहा कि भागवत साहब के आगमन के मद्देनजर आरएसएस के नेता और कार्यकर्ता उनके स्वागत की तैयारी में लगे हैं. जहां नीतीश इस कार्यक्रम के बाद तुरंत पटना वापस आ जाएंगे वहीं भागवत का एक दिवसीय प्रवास का कार्यक्रम है जहां वो शाम में प्रबुद्ध लोगों के साथ कार्यकर्ताओं को भी संबोधित करेंगे.
इस कार्यक्रम का आयोजन चंदवा में किया गया है जो जिला मुख्यालय से मात्र तीन किलोमीटर की दूरी पर है. यह पूर्व रक्षा मंत्री और प्रसिद्ध दलित नेता बाबू जगजीवन राम की जन्मस्थली भी है. पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार बाबू जगजीवन राम की पुत्री हैं. उनके दलित होने के कारण ही कांग्रेस पार्टी ने उन्हें बीजेपी उम्मीदवार और वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के खिलाफ मैदान में उतरा था. हालांकि इस चुनाव में नीतीश ने महागठबंधन में रहने के बावजूद बिहार के राज्यपाल होने के कारण कोविंद का समर्थन किया था जिसके चलते उनका अपने सहयोगियों कांग्रेस और राजद से तनाव भी हुआ. राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम आने के कुछ दिनों के भीतर ही नीतीश ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर इस्तीफा देकर बीजेपी के साथ एक बार फिर सरकार बनाई.
हालांकि जनता दल यूनाइटेड के नेता कहते हैं कि इस कार्यक्रम में एक साथ दोनों लोगों के होने की बहुत ज्यादा राजनैतिक विवेचना नहीं होनी चाहिए. जब एक साथ सरकार चला रहे हैं तब कार्यक्रमों में मिलना या अलग से मिलना एक स्वभाविक राजनैतिक प्रक्रिया है. वहीं राष्ट्रीय जनता दल के उपाध्यछ शिवानंद तिवारी ने व्यंग्य में कहा कि नीतीश ने अपनी स्वंत्रत राजैनतिक यात्रा माले के साथ शुरू की थी और अब ये उनकी अंतिम राजैनतिक यात्रा है. इस बीच राजद अध्यक्ष लालू यादव ने ट्वीट कर नीतीश पर हमला बोला.
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हालांकि बीजेपी के नेता कहते हैं कि नीतीश – भागवत अगर एक कार्यक्रम में साथ-साथ आ रहे हैं तो इसका तिल का ताड़ नहीं बनाया जाना चाहिए. लेकिन नीतीश ने भगवत का स्वागत मुख्यमंत्री आवास में 2013 में किया था. इससे पूर्व शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने विजयादशमी के दिन मुंबई के शिवजी मैदान में अपने भाषण में कहा था कि बीजेपी ने नीतीश और महबूबा मुफ़्ती जैसे पार्टी को गली देने वाले नेताओं से सत्ता के लिए हाथ मिलाने में देर नहीं लगायी.