नई दिल्ली: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से घंटों मुलाकात के बाद कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने जस्पाल अटवाल के साथ होने वाले डिनर को कैंसल कर दिया. जस्पाल अटवाल पर खालिस्तानी आतंकी होने का आरोप है. जस्पाल अटवाल ने जस्टिन ट्रूडो को डिनर पर आमंत्रित किया था. जस्टिन ट्रूडो गुरुवार को दिल्ली में जसपाल के साथ डिनर करने वाले थे. लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ जस्टिन ट्रूडो की बैठक के कुछ देर बाद ही डिनर कैंसल कर दिया गया.
नई दिल्ली: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से घंटों मुलाकात के बाद कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने जस्पाल अटवाल के साथ होने वाले डिनर को कैंसल कर दिया. जस्पाल अटवाल पर खालिस्तानी आतंकी होने का आरोप है. जस्पाल अटवाल ने जस्टिन ट्रूडो को डिनर पर आमंत्रित किया था. जस्टिन ट्रूडो गुरुवार को दिल्ली में जसपाल के साथ डिनर करने वाले थे. लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ जस्टिन ट्रूडो की बैठक के कुछ देर बाद ही डिनर कैंसल कर दिया गया.
यह फैसला जस्पाल के उस फोटा के सामने आने के बाद भी लिया गया, जिसमें वह मुंबई के एक कार्यक्रम के दौरान कनाडाई पीएम की पत्नी सोफी ट्रूडो के साथ नजर आ रहा है. दरअसल, जसपाल अटवाल को 1986 में वैंकूवर द्वीप पर पंजाब के मुख्यमंत्री मल्लिकात सिंह सिद्धू की हत्या के प्रयास में दोषी ठहराया गया था. वह चार लोगों में से एक था, जिन्होंने सिंधु की कार पर हमला किया और उन्हें गोली मारी.
बुधवार को ट्रूडो और उनके छह मंत्रियों की पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ मुलाकात हुई. यह मुलाकात घंटो चली. इस बैठक के दौरान कैप्टन ने ट्रूडो को उन नौ लोगों की सूची दी, जो कनाडा में रहते हुए यहां ‘खलिस्तान’ के रूप में कट्टरवाद को बढ़ावा दे रहे हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच प्रमुख रूप से इसी विषय पर बातचीत हुई.
सीएम अमरिंदर ने बताया कि कनाडा आधारित ये नौ अपराधी पंजाब में टार्गेट किलिंग करने और हिंसा फैलाने का काम कर रहे हैं. यही नहीं, आतंकी गतिविधियों में लिप्त संदिग्धों की फंडिंग और उन्हें औजार उपलब्ध कराने का काम भी यही करते हैं. अमरिंदर सिंह ने इन असमाजिक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई करने की पीएम ट्रूडो से मांग की और कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर कदम उठाना जरूरी है.
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने बताया कि कनाडाई प्रधानमंत्री ने पंजाब के मुख्यमंत्री को यह आश्वस्त किया है कि उनका देश किसी भी अलगावादी गतिविधि का समर्थन नहीं करता, चाहे भारत में हो या किसी दूसरे देश में. बैठक के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया. उन्होंने कहा, ‘कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो से मिले स्पष्ट आश्वासन से खुश हूं कि उनका देश किसी भी अलगाववादी आंदोलन को सपोर्ट नहीं करता है. उनके शब्द हमारे लिए बड़ी राहत है. हम अलगाववादी तत्वों से निपटने में उनकी सरकार के सहयोग के प्रति आश्वस्त हैं.’
अमरिंदर-जस्टिन की बैठक पर बना हुआ था सस्पेंस
बता दें कि इस बात को लेकर पहले अनिश्चितता बनी हुई थी कि क्या अमरिंदर सिंह 21 फरवरी को कनाडा के प्रधानमंत्री के संक्षिप्त दौरे में उनसे मुलाकात करेंगे या नहीं. गौरतलब है कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पिछले वर्ष कनाडा के रक्षा मंत्री हरजीत सज्जन से उनके पंजाब दौरे के समय मुलाकात करने से इंकार कर दिया था.
अमरिंदर सिंह ने सज्जन पर ‘‘खालिस्तानी समर्थक’’ होने का आरोप लगाया था. अमरिंदर सिंह 2016 में जब पंजाब कांग्रेस के प्रमुख थे तो उन्होंने कनाडा के प्रधानमंत्री को कड़े शब्दों में पत्र लिखते हुए पंजाब विधानसभा चुनावों से पहले कनाडा में पंजाबी प्रवासी भारतीयों से बातचीत की अनुमति नहीं दिए जाने पर कड़ा विरोध जताया था. अमरिंदर सिंह ने इसे ‘‘मिलने पर रोक लगाने वाला आदेश’’ बताया था.
यह फैसला जस्पाल के उस फोटा के सामने आने के बाद भी लिया गया, जिसमें वह मुंबई के एक कार्यक्रम के दौरान कनाडाई पीएम की पत्नी सोफी ट्रूडो के साथ नजर आ रहा है. दरअसल, जसपाल अटवाल को 1986 में वैंकूवर द्वीप पर पंजाब के मुख्यमंत्री मल्लिकात सिंह सिद्धू की हत्या के प्रयास में दोषी ठहराया गया था. वह चार लोगों में से एक था, जिन्होंने सिंधु की कार पर हमला किया और उन्हें गोली मारी.
बुधवार को ट्रूडो और उनके छह मंत्रियों की पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ मुलाकात हुई. यह मुलाकात घंटो चली. इस बैठक के दौरान कैप्टन ने ट्रूडो को उन नौ लोगों की सूची दी, जो कनाडा में रहते हुए यहां ‘खलिस्तान’ के रूप में कट्टरवाद को बढ़ावा दे रहे हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच प्रमुख रूप से इसी विषय पर बातचीत हुई.
सीएम अमरिंदर ने बताया कि कनाडा आधारित ये नौ अपराधी पंजाब में टार्गेट किलिंग करने और हिंसा फैलाने का काम कर रहे हैं. यही नहीं, आतंकी गतिविधियों में लिप्त संदिग्धों की फंडिंग और उन्हें औजार उपलब्ध कराने का काम भी यही करते हैं. अमरिंदर सिंह ने इन असमाजिक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई करने की पीएम ट्रूडो से मांग की और कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर कदम उठाना जरूरी है.
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने बताया कि कनाडाई प्रधानमंत्री ने पंजाब के मुख्यमंत्री को यह आश्वस्त किया है कि उनका देश किसी भी अलगावादी गतिविधि का समर्थन नहीं करता, चाहे भारत में हो या किसी दूसरे देश में. बैठक के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया. उन्होंने कहा, ‘कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो से मिले स्पष्ट आश्वासन से खुश हूं कि उनका देश किसी भी अलगाववादी आंदोलन को सपोर्ट नहीं करता है. उनके शब्द हमारे लिए बड़ी राहत है. हम अलगाववादी तत्वों से निपटने में उनकी सरकार के सहयोग के प्रति आश्वस्त हैं.’
अमरिंदर-जस्टिन की बैठक पर बना हुआ था सस्पेंस
बता दें कि इस बात को लेकर पहले अनिश्चितता बनी हुई थी कि क्या अमरिंदर सिंह 21 फरवरी को कनाडा के प्रधानमंत्री के संक्षिप्त दौरे में उनसे मुलाकात करेंगे या नहीं. गौरतलब है कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पिछले वर्ष कनाडा के रक्षा मंत्री हरजीत सज्जन से उनके पंजाब दौरे के समय मुलाकात करने से इंकार कर दिया था.
अमरिंदर सिंह ने सज्जन पर ‘‘खालिस्तानी समर्थक’’ होने का आरोप लगाया था. अमरिंदर सिंह 2016 में जब पंजाब कांग्रेस के प्रमुख थे तो उन्होंने कनाडा के प्रधानमंत्री को कड़े शब्दों में पत्र लिखते हुए पंजाब विधानसभा चुनावों से पहले कनाडा में पंजाबी प्रवासी भारतीयों से बातचीत की अनुमति नहीं दिए जाने पर कड़ा विरोध जताया था. अमरिंदर सिंह ने इसे ‘‘मिलने पर रोक लगाने वाला आदेश’’ बताया था.