कई देशों में फैला नीरव मोदी का कारोबार और संपत्तियां, ईडी पता लगाएगा एलआर के जरिए
कई देशों में फैला नीरव मोदी का कारोबार और संपत्तियां, ईडी पता लगाएगा एलआर के जरिए

कई देशों में फैला नीरव मोदी का कारोबार और संपत्तियां, ईडी पता लगाएगा एलआर के जरिए

मुंबई: पंजाब नेशनल बैंक में 11,400 करोड़ रुपए के घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई की कोर्ट से अनुरोध पत्र (एलआर) जारी करने की अपील की है. इससे प्रवर्तन निदेशालय हीरा कारोबारी नीरव मोदी के विदेशी कारोबार और संपत्तियों के बारे में विभिन्न देशों की सरकारी एजेंसियों के जरिए सूचना हासिल करने के लिए एलआर जारी कराना चाहता है. ईडी ने कोर्ट के समक्ष अपनी अपील में पीएमएलए कानून के तहत अनुरोध पत्र जारी करने का आग्रह किया है. जस्टिस एमएस आजमी ने सोमवार को विशेष सरकारी वकील हितेन वेनेगांवकर की दलीलों को सुना.कई देशों में फैला नीरव मोदी का कारोबार और संपत्तियां, ईडी पता लगाएगा एलआर के जरिए

क्‍या है एलआर

अनुरोध पत्र एक देश की अदालत द्वारा दूसरे देश की अदालत को जारी किया जाता है.

कई देशों में फैला नीरव का कारोबार और संपत्तियां

निदेशालय ने अदालत को बताया कि नीरव मोदी ने कई कंपनियां बनाई हैं. ईडी ने कोर्ट में अपनी अपील में कहा कि नीरव मोदी ने अपना कारोबार अमेरिका, ब्रिटेन, यूएई, दक्षिण अफ्रीका और सिंगापुर तक फैलाया हुआ है. एलआर के जरिए एजेंसी को हांगकांग, अमेरिका, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, दक्षिण अफ्रीका और सिंगापुर में नीरव मोदी की अपराध की कमाई जब्त करने, दस्तावेज और सबूत जुटाने में मदद मिलेगी.

6,498 करोड़ रुपए की अपराध की कमाई जुटाई

ईडी ने कहा कि अपनी धोखाधड़ी तथा साजिश की गतिविधि के जरिए नीरव ने 6,498 करोड़ रुपए की अपराध की कमाई जुटाई. आवेदन में कहा गया है कि उसकी अपराध की कमाई का कुछ हिस्सा विदेशों में रखा हुआ है.

ऐसे करता था डायमंड का कारोबार

नीरव मोदी के कारोबार डायमंड आर यूएस, सोलर एक्सपोर्ट्स, स्टेलर डायमंड, फायरस्टार डायमंड शामिल हैं. ईडी ने कहा कि नीरव मोदी एकीकृत हीरा विनिर्माता बन गया था, जो बिना तराशे हीरों का आयात करता था और तराशे हीरे और अन्य रत्न तथा डिजाइनर आभूषण बेचता था.

एलओयू के जरिए नीरव ने बैंक को लगाई चपत

नीरव ने अपनी कंपनियों के लिए पंजाब नेशनल बैंक से समूह की कंपनियों के पक्ष में कई गारंटी-पत्र (एलओयू) हासिल किए जिसमें पीएनबी की ओर से भेजे गए स्विफ्ट (सोसायटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशंस) संदेशों के जरिए उसकी कंपनियों को कर्ज मिला. एजेंसी के अनुसार बाद में बैंक ने पाया कि ये एलओयू फर्जी तरीके से हासिल किए गए और बैंक के रिकार्ड में उनका उल्लेख नहीं था.

सीबीआई ने 31 जनवरी को नीरव मोदी और उसकी कंपनियों तथा एक अन्य आभूषण कारोबारी मेहुल चौकसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. बाद में प्रवर्तन निदेशालय ने भी इस मामले की जांच शुरू की है. 

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